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छत्तीसगढ़ में गांधी जी की 150वीं जयंती के कार्यक्रमों का सिलसिला शुरू

रायपुर 02 अक्टूबर।राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर अगले दो साल तक चलने वाले कार्यक्रमों का सिलसिला आज से छत्तीसगढ़ में भी शुरू हो गया।राज्य सरकार ने इसके लिए कार्यांजलि शीर्षक से दो साल की कार्ययोजना तैयार की है।

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने गांधी जयंती के अवसर पर राजधानी के कंकालीपारा स्थित ऐतिहासिक आनंद समाज वाचनालय परिसर में इस कार्ययोजना का शुभारंभ करते हुए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की कार्यांजलि पुस्तिकाओं का भी विमोचन किया।

उन्होंने इस मौके पर राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग द्वारा 23 हजार 600 वर्गफुट में दो करोड़ 88 लाख रुपए की लागत से निर्मित केयूर भूषण स्मृति परिसर और गांधी भवन का भी लोकार्पण किया, जहां खादी और ग्रामोद्योग आधारित विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। परिसर का नामकरण छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, साहित्यकार और रायपुर के पूर्व लोकसभा सांसद स्वर्गीय श्री केयूर भूषण के नाम पर किया गया है।

डॉ.सिंह ने परिसर में आयोजित कार्यक्रम में राजधानी के 16 स्थानों पर रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा दो करोड़ 32 लाख रुपए की लागत से बुजुर्गों के लिए निर्मित 16 बापू की कुटिया का भी लोकार्पण किया इनमें से प्रत्येक कुटिया में वरिष्ठ नागरिकों के लिए टेलीविजन, कैरम, शतरंज आदि खेल सुविधाएं भी दी गई है। बापू की कुटिया का संचालन समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से किया जाएगा। डॉ.सिंह ने नगर निगम की ओर से नेकी की गाड़ी का भी लोकार्पण किया। उन्होंने पुस्तक दान महोत्सव की भी शुरूआत की।पुस्तक दान के विशेष अभियान के तहत मिलने वाली दुर्लभ पुस्तकों का डिजिटलाईजेशन रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा करवाया जाएगा और इन पुस्तकों को आनंद समाज वाचनालय में ई-बुक के रूप में रखा जाएगा।

समारोह में मुख्यमंत्री ने राज्य के बिलासपुर संभाग के आदिवासी बहुल अचानकमार क्षेत्र के ग्राम लम्हनी-छपरवा (वर्तमान जिला-मुंगेली) में तीन दशक से भी ज्यादा समय से आदिवासी बच्चों की शिक्षा और सेहत के लिए समर्पित गांधीवादी 90 वर्षीय प्रोफेसर (डॉ.) प्रभुदत्त खेड़ा को छत्तीसगढ़ सरकार से प्रथम  महात्मा गांधी स्मृति राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्हें पुरस्कार के रूप में पांच लाख की सम्मान राशि के साथ प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया।