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कांग्रेस के आह्वान पर छत्तीसगढ़ बंद का रहा मिला जुला असर

रायपुर 21 सितंबर।कवर्धा के लोहारीडीह में की गयी पुलिस की बर्बरता तथा पुलिस की पिटाई से प्रशांत साहू की मौत को लेकर कांग्रेस के द्वारा बुलाये गये छत्तीसगढ़ बंद का मिला जुला असर रहा।

    राजधानी रायपुर में मुख्य मार्गों पर अधिकांश बड़ी दुकाने बंद रही लेकिन तमाम स्थानों पर दोपहर बाद दुकाने खुल गई।कांग्रेस नेता एवं कार्यकर्ता वाहनों पर घूम घूम कर दुकानों को बन्द करवाते देखे गए।

   बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर, कवर्धा, दुर्ग, बलौदाबाजार, गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी, भिलाई, बेमेतरा, राजनांदगांव, जगदलपुर, सुकमा, नारायणपुर, कोण्डगांव, बीजापुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर चांपा, रायगढ़, जशपुर, बलरामपुर, कोरिया सहित प्रदेश के सभी छोटे-बड़े शहर में भी बंद का मिला जुला असर देखने को मिला।

   प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बंद के पूरी तरह सफल होने का दावा करते हुए राज्य की जनता और व्यापारियों का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि चेंबर ऑफ कामर्स ने हमें लिखित समर्थन नहीं दिया था, लेकिन प्रदेश के सभी छोटे-छोटे, अलग-अलग व्यवसायिक संगठनों ने बंद का समर्थन किया और अपने दुकानों प्रतिष्ठानों को बंद रखा।

   उन्होने कहा कि रोज-रोज की अपराधिक घटनाओं से पूरे प्रदेश में भय का माहौल बना हुआ है। सरकार आम आदमी को सुरक्षित माहौल देने में नाकामयाब साबित हो रही है। अपराधिक तत्वों के हौसले बुलंद हो गये। लोगों को जिंदा जलाया जा रहा, महिलाओं के साथ सामूहिक दुराचार की घटनायें बढ़ गयी, एसपी, कलेक्टर कार्यालय जलाये जा रहे, राज्य में नौ महीने में ही दो कलेक्टर, दो एसपी को सजा के बतौर हटाया गया तथा निलंबित करना पड़ा उसके बाद भी सरकार अपनी आत्ममुग्धता में लगी हुई है। इन सभी घटनाओं की नैतिक जवाबदारी गृहमंत्री की बनती है, मुख्यमंत्री अपनी जवाबदेही समझे गृहमंत्री को बर्खास्त करें।