आर्ट और क्राफ्ट स्कूल में लगभग सभी ने किया है, लेकिन समय के साथ इन चीजों का साथ छूटते जाता है। शोध के अनुसार आर्ट और क्राफ्ट के साथ हमारा मेंटल हेल्थ कई तरह से जुड़ा हुआ है। मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाने वाली थेरेपी और मोडेलिटी में भी आर्ट थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है, जहां एक ट्रेंड थेरेपिस्ट थेरेप्यूटिक प्रक्रिया के तहत आर्ट का इस्तेमाल करता है। इसलिए जब भी समय मिले तो खुद ही अपनी पसंद के अनुसार किसी न किसी आर्ट फॉर्म को चुन कर उसे जरूर करना चाहिए। आइए जानते हैं कि कैसे और किन आर्ट्स और क्राफ्ट्स से सुधारा जा सकता है मेंटल हेल्थ-
मेंटल हेल्थ के लिए गुणकारी 5 आर्ट्स
मंडला डिजाइन
मंडला शब्द संस्कृत से लिया गया है ,जिसका अर्थ है पवित्र गोला। ये सदियों पुराना आर्ट फॉर्म है। इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले गोले और अन्य बारीक डिजाइन फोकस और अटेंशन बढ़ाते हैं। ये एंग्जायटी कम करता है और माइंडफुल तरीके से दिमाग को संतुलित करता है।
कलर ब्लेंडिंग
ये आर्ट का ऐसा फॉर्म है, जिसमें कई रंगों को एक साथ मिला कर पेंटिंग बनाई जाती है। इससे इंसान अपनी भावनाएं और नेगेटिव इमोशंस को पेपर पर उड़ेल देता है। इससे इंसान की इमोशनल ग्रोथ होती है। ये एक स्ट्रेस रिलीवर का काम करता है। इससे मेमोरी पावर भी बढ़ती है और पॉजिटिव नजरिया डेवलप होता है।
क्रॉचेट और बुनना
स्ट्रेस और एंग्जायटी से राहत दिलाने के लिए क्रॉचेट और बुनाई एक बेहतर थेरेपी मानी जाती है। एक स्टडी में पाया गया है कि जो इस क्राफ्ट वर्क को करते हैं, वह हर एक अगले कदम के बाद खुशी और संतुष्टि महसूस करते हैं। इसमें एक लय और रिदम में काम करना होता है, जिससे हैप्पी हार्मोन सेरोटोनिन बनते हैं और मेंटल हेल्थ में सुधार होता है।
डूडल्स
पेन और पेपर से की जाने वाली इस आर्ट को अक्सर लोग स्क्रिबलिंग समझते हैं। ये अस्थिर दिमाग को शांत करता है, ओवरथिंकिंग और एंग्जायटी से राहत दिलाता है और आपकी सोच को स्पष्ट करता है, जिससे मेंटल क्लैरिटी होती है।
कैलीग्रेफी
ये इंक, पेन या ब्रश से लिखने का एक विजुअल आर्ट फॉर्म है। इससे धैर्य और फोकस बढ़ता है। ये भी दिमाग को शांत करता है, स्ट्रेस दूर करता है और कॉन्फिडेंस बढ़ाता है।
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