कैंपियरगंज के भारीवैसी में स्थित देश के पहले जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र में राजगिद्धों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। शुरुआत में यहां छह राजगिद्ध थे लेकिन अब आठ हो गए हैं। डीएफओ विकास यादव ने बताया कि केंद्र में राजगिद्धों की संख्या और बढ़ाई जाएगी।
जटायु संरक्षण केंद्र में राजगिद्धों की संख्या अब आठ हो गई है। चित्रकूट से एक राजगिद्ध को रेस्क्यू कर लाया गया है। कुछ दिन पहले ललितपुर से भी एक राजगिद्ध को लाया गया था। केंद्र की टीम अब भी चित्रकूट और ललितपुर के जंगलों में राजगिद्ध की तलाश में जुटी है।
कैंपियरगंज के भारीवैसी में स्थित देश के पहले जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र में राजगिद्धों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। शुरुआत में यहां छह राजगिद्ध थे लेकिन अब आठ हो गए हैं। अक्तूबर 2024 में ललितपुर के जंगलों में वन विभाग की टीम गई थी। यहां से एक राजगिद्ध को पकड़कर लाई। यह गिद्ध एक वर्ष से कम उम्र का है। नर या मादा का पता नहीं चला है। इसके लिए राजगिद्ध का डीएनए परीक्षण कराया जाएगा।
इसके बाद टीम दिवाली बाद दोबारा गई और चित्रकूट से एक और गिद्ध को पकड़ा, जिसकी उम्र दो वर्ष के करीब है और मादा है। इसके साथ ही अब संरक्षण केंद्र में मादा गिद्धों की संख्या छह हो गई है लेकिन नर गिद्ध एक ही है। एक गिद्ध का डीएनए परीक्षण के बाद स्थिति साफ होगी।
डीएफओ विकास यादव ने बताया कि केंद्र में राजगिद्धों की संख्या और बढ़ाई जाएगी। नर राजगिद्ध की तलाश में टीमें चित्रकूट और ललितपुर में डेरा डाले हुए हैं। संरक्षण केंद्र में मादा गिद्धों की संख्या पर्याप्त हो गई है, अब उनका जोड़ा बनाने के लिए नर गिद्ध की ही जरूरत है।