मुबंई 02 जनवरी।रिजर्व बैंक ने ऐसी कंपनियों के 25 करोड़ रुपये तक के मौजूदा ऋणों को पुनर्व्यवस्थित करने की अनुमति दी है, जिन्होंने अदायगी में चूक तो की, लेकिन उनके ऋण स्टैंडर्ड एसेट की श्रेणी में बने रहे।
इन कंपनियों के ऋणों को डूबा ऋण नहीं माना जाएगा। इस निर्णय से ऐसे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को लाभ होगा जो नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद नकदी की कमी का सामना कर रहे हैं।
रिजर्व बैंक ने कहा है कि इन उद्यमों के इस वर्ष पहली जनवरी तक नहीं चुकाए गये ऋण को पुनर्व्यवस्थित किया जाएगा और मौजूदा ऋण वर्गीकरण में नीचे की श्रेणी में नहीं डाले जाएंगे।