रायपुर 07 जनवरी।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि उनकी सरकार कल्याणकारी राज्य की अवधारणा के अनुरूप कार्य करते हुए जनता से किए गए संकल्प को पूर्ण करने के लिए प्रतिबद्ध है।इसकी शुरूआत भी हो चुकी है।
श्रीमती पटेल ने आज यहां पांचवीं विधानसभा के प्रथम सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि नयी सरकार का गठन होते ही उसी दिन 17 दिसंबर 18 को मंत्रि-परिषद की पहली बैठक में 16 लाख 65 हजार से अधिक किसानों का 6100 करोड़ से अधिक अल्पकालीन कृषि ऋण माफ करने का निर्णय लिया गया। अल्पकालीन कृषि ऋण माफी योजना-2018 के दिशा-निर्देश जारी किए गए, जिसके तहत छत्तीसगढ़ के सहकारी बैंकों एवं छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में समस्त किसानों का 30 नवम्बर 2018 तक का अल्पकालीन कृषि ऋण माफ किया जाना है।
उन्होने कहा कि ऋण माफी के निर्णय को अमलीजामा पहनाने के क्रम में पहले चरण में 10 दिनों के भीतर, लिंकिंग के तहत हुई धान खरीदी के एवज में 12 सौ 48 करोड़ रूपए की राशि 3 लाख 57 हजार किसानों के खाते में जमा कर दी गई है। आगामी चरणों में शेष प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण कर ली जाएगी। राष्ट्रीयकृत बैंकों से संबंधित अल्पकालीन कृषि ऋणों के परीक्षण उपरांत कार्यवाही शीघ्र की जाएगी।
राज्यपाल ने कहा कि मंत्रि-परिषद की पहली बैठक में ही वर्ष 2018-19 में 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीद का निर्णय भी ले लिया गया।धान खरीदी दर में यह ऐतिहासिक वृद्धि, जो देश में आज धान खरीदी की सर्वाधिक दर है, अपने-आप में एक बड़ा संदेश है कि मेरी सरकार किसानों के हित में बड़े से बड़ा निर्णय लेने के लिए सदैव सहर्ष तैयार रहेगी।उन्होने झीरम घाटी घटना के विभिन्न पहलुओं की जांच कराने के लिए एस.आई.टी. के गठन का भी जिक्र किया।
उन्होने बस्तर के लोहाण्डीगुड़ा में टाटा इस्पात संयंत्र द्वारा अधिग्रहित निजी भूमि लौटाने के निर्णय का जिक्र करते हुए कहा कि 1700 से अधिक खातेदारों की 17 सौ हेक्टेयर से अधिक भूमि को सरकार ने खातेदारों को लौटाने का फैसला किया है।सरकार ने बस्तर के जनजीवन में व्यवस्था के प्रति विश्वास पैदा करने का जो संकल्प लिया है, उसमें भूमि लौटाने का निर्णय बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। राज्यपाल ने कहा कि चिटफंड कम्पनियों के संचालकों तथा आर्थिक धोखाधड़ी में मुख्य भूमिका निभाने वाले महत्वपूर्ण लोगों के खिलाफ कठोर कार्यवाही होगी तथा निवेशकों की राशि लौटाने के लिए भी सरकार यथोचित कार्यवाही करेगी।
राज्यपाल ने कहा कि छोटी पूँजी वाली इकाइयों की स्थापना पर जोर दिया जाएगा। कृषि तथा वनोपज के प्रसंस्करण के लिए ग्रामीण स्तर पर बड़ी संख्या में इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहन दिया जाएगा। उन्होने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक एवं सॉफ्टवेयर कौशल से युवाओं को जोड़ने की दिशा में तेजी से कदम उठाये जाएंगे ताकि नये जमाने की नई आवश्यकताओं के लिए राज्य की नई पीढ़ी तैयार रहे और इसे अपने स्वावलंबन का माध्यम बनाये।
उन्होने कहा कि सरकार जन स्वास्थ्य को उच्च प्राथमिकता देगी ताकि स्वस्थ मानव संसाधन को राज्य के विकास में सीधी भागीदारी दी जा सके। निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा जनता को उनके अधिकार की तरह प्राप्त हो यह सुनिश्चित किया जाएगा।उन्होने यह भी कहा कि खाद्य सुरक्षा का अधिकार, आवास का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, जल-जंगल-जमीन का अधिकार केवल कानून की पुस्तकों में न रहे बल्कि जनसशक्तीकरण का माध्यम बनें, इसके लिए समुचित कदम उठाये जाएंगे।