शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान अपनी मांगों को लेकर 13 माह से मोर्चा बांधकर बैठे थे। भगवंत मान सरकार के इस फैसले से कारोबारियों में खुशी की लहर है। वहीं इससे पंजाब के किसानों में रोष है।
शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसानों को हटाकर पुलिस ने 13 महीने बाद अमृतसर-अंबाला-दिल्ली नेशनल हाईवे को खुलवा तो दिया लेकिन इसके बाद पूरे पंजाब में किसानों का गुस्सा फूट पड़ा।
पंजाब पुलिस ने किसान नेता सरवण सिंह पंधेर समेत 100 किसानों पर केस दर्ज कर उन्हें पटियाला जेल भेज दिया है। प्रदेश भर में लगभग एक हजार से ज्यादा किसान अभी भी पुलिस हिरासत में हैं। मोगा, बठिंडा, मुक्तसर, फरीदकोट और होशियारपुर में सरकार की कार्रवाई से नाराज किसान जत्थेबंदियों और पुलिस के बीच टकराव भी देखने को मिला। किसान संगठनों ने 26 मार्च को चंडीगढ़ कूच की घोषणा की है।
पंजाब सरकार के साथ बैठक से इनकार
शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसानों का धरना खत्म करने के बाद पंजाब सरकार ने भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेताओं को शुक्रवार को बैठक के लिए बुलाया था। लेकिन भारतीय किसान यूनियन एकता के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने चंडीगढ़ में होने वाली बैठक में आने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि 19 मार्च को सरकार की जिस तरह की कार्रवाई रही है, उसे देखते हुए सरकार पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा से भी अपील की है कि वह भी इस इस बैठक में हिस्सा न लें। उन्होंने कहा कि सीएम मान को खुद बैठक में बैठना चाहिए और जहां उनकी बात समाप्त हुई थी, वहां से दोबारा शुरू की जानी चाहिए। 26 मार्च को चंडीगढ़ विधानसभा कूच के लिए किसान तैयार हैं। उन्होंने प्रदर्शन के लिए जगह देने की मांग की है।
डल्लेवाल मेडिकल टीम की निगरानी में
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को जालंधर के आर्मी एरिया में पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में मेडिकल टीम की निगरानी में रखा गया है। इससे पहले उन्हें जालंधर के पीआईएमएस अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया था।
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