
कांकेर 07 अप्रैल।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज यहां के भिरावाही में गोंडवाना समाज द्वारा आयोजित मरका पंडुम (चैतरई महापर्व) के समापन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने गोंडवाना समाज के आराध्य बूढ़ादेव और आंगा देव की पूजा-अर्चना कर तेंदू, चार, चिरौंजी, महुआ और आम फल अर्पित किया और प्रदेशवासियों की खुशहाली के लिए कामना की।
श्री साय ने भिरावाही के गोंडवाना भवन परिसर में आयोजित मरका पंडुम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि गोंडवाना समाज का समृद्धशाली इतिहास रहा है। मरका पण्डुम पर्व में नए फलों, फसलों का अर्पण अराध्य देवी-देवताओं को किए जाने की परंपरा है। उन्होंने आगे कहा कि हमें अपनी संस्कृति और परंपरा आगे बढ़ाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री श्री साय ने समाज को शिक्षित होने पर जोर देते हुए बच्चों को पढ़ाने के लिए सबको आगे आने तथा जागरूक होने पर जोर दिया।
उन्होने आगे कहा कि 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ का तेजी से विकास हुआ है। पीएम जनमन योजना से विशेष पिछड़ी जनजाति का तेजी से विकास हुआ है, वहीं प्रयास आवासीय विद्यालय में प्रतिभाशाली बच्चों को आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। छत्तीसगढ़ में आईआईएम, आईआईटी, ट्रिपल आईटी जैसी उच्च संस्थाएं स्थापित हुई हैं।
श्री साय ने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश सरकार द्वारा बस्तर से नक्सलवाद जड़ से खत्म करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले एक साल में नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का संकल्प अवश्य पूर्ण होगा। उन्होंने बताया कि अब नियद नेल्लानार योजना के दायरे को विस्तारित किया जा रहा है, ताकि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के अधिक से अधिक ग्रामीणों को शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके।
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