
तिरूवनंतपुरम 02 मई।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां विरिंग्यम गहन समुद्री बहुद्देशीय अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन किया। यह भारत का पहला अर्ध-स्वचालित बंदरगाह है।
श्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि यह भारत के समुद्री आधारभूत ढांचे के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।उन्होने कहा कि अभी इस ट्रांसशिपमेंट हब की जो क्षमता है वो भी आने वाले समय में बढ़कर के तीन गुनी हो जाएगी। यहां दुनिया के बड़े मालवाहक जहाज आसानी से आ सकेंगे। जो पैसा बाहर जाता था वो केरला और विरिंग्यम के लोगों के लिए नई इक्नॉमिक ऑपुर्चनिटी लेकर आएगा।
उन्होने कहा कि विरिंग्यम बंदरगाह नए युग के विकास का एक बेहतरीन मॉडल है।उन्होने कहा कि देश के मेरिटाइम सेक्टर को नई ऊंचाई देने में प्राइवेट सेक्टर का भी अहम योगदान है। पब्लिक, प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत पिछले दस वर्षों में हजारों करोड़ रूपए का निवेश हुआ है। इस भागीदारी से ना केवल हमारे पोर्ट ग्लोबल स्टेंडर्ड पर अपडेट हुए हैं बल्कि वो फ्यूचर रेडी भी बने हैं। प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी से इनोवेशन एवं एफिशिएंसी दोनों को बढावा मिला है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विरिंग्यम् बंदरगाह ने तीसरी सहस्राब्दी की विकास संभावनाओं के द्वार खोल दिये हैं। विरिंग्यम् बंदरगाह परियोजना को सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत आठ हजार नौ सौ करोड़ रुपये की लागत से क्रियान्वित किया गया है।
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