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डहरिया के विभागों की अनुदान मांगो को विधानसभा ने दी मंजूरी

रायपुर 21 फरवरी।छत्तीसगढ़ विधानसभा ने नगरीय प्रशासन एवं विकास और श्रम विभाग की 2818 करोड़ 88 लाख 51 हजार रूपए की अनुदान मांगों को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।

इसमें नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग-नगरीय निकाय के लिए  22 करोड़ 78 लाख 40 हजार रूपए, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग-नगरीय कल्याण के लिए 946 करोड़ 23 लाख 77 हजार रूपए, नगरीय निकायों को वित्तीय सहायता के लिए एक हजार 645 करोड़ 13 लाख 64 हजार रूपए और श्रम विभाग के लिए 204 करोड़ 72 लाख 70 हजार रूपए शामिल है।

नगरीय प्रशासन मंत्री डा.शिव डहरिया ने अनुदान मांगों की चर्चा में कहा कि राज्य सरकार शहरी जीवन के स्तर को ऊपर उठाने का व्यवस्थित प्रयास कर रही है। नगरीय विकास के प्रति सरकार प्रतिबद्ध है। राज्य में सभी नगरीय निकायों के नागरिकों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अधोसंरचना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में 371 करोड़ 8 लाख रूपए, 14वें वित्त आयोग अंतर्गत 485 करोड़ 89 लाख रूपए प्रावधान रखा गया है। इससे निकायों को बेहतर स्वरूप देने में विभाग सक्षम होगा। बजट में मिशन अमृत योजना के लिए 236 करोड़ रूपए, मिशन स्मार्ट सिटी के लिए 396 करोड़ रूपए, स्वच्छ भारत मिशन के लिए 10 करोड़ रूपए, प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के लिए 595 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

उन्होने बताया कि सरकार ने राजधानी रायपुर में एक राज्य स्तरीय एवं बिलासपुर, दुर्ग, अम्बिकापुर और जगदलपुर में एक-एक संभाग स्तरीय पेयजल परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना करने का निर्णय लिया है। इसके लिए बजट में 11 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। इनके शुरू होने से नगरीय निकायों में और अधिक शुद्धता के साथ पेयजल प्रदाय सुनिश्चित होगा। शासन द्वारा प्रदेश की सभी शहरों में सड़क प्रकाश व्यवस्था के लिए इंदिरा प्रियदर्शिनी एलईडी लाईट पथ प्रकाश योजना प्रारंभ की गई है। योजना की कुल लागत 157 करोड़ 29 लाख रूपए है।

प्रदेश के 13 नगर पालिक निगमों में कुल 2 लाख 14 हजार 987 लाईट्स, 44 नगरपालिका परिषदों में 76 हजार 693 लाइट्स, 110 नगर पंचायतों में 53 हजार 52 लाइट्स सहित कुल 3 लाख 44 हजार 732 पारम्परिक स्ट्रीट लाइट का ऊर्जा दक्ष एलईडी लाइट में परिवर्तन किया जा चुका है। लाइटों के स्वतः ही चालू एवं बंद होने के लिए 3698 सेन्ट्रल कन्ट्रोल मानिटरिंग सिस्टम स्थापित किया गया है। साथ ही स्ट्रीट लाइटों से संबंधित शिकायतों के निराकरण हेतु शिकायत निवारण प्रणाली संचालित है।

श्रम विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए डा.डहरिया ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए विभाग के लिए कुल 204 करोड़ 72 लाख 70 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है। इसमें श्रमायुक्त संगठन के लिए 22 करोड़ 62 लाख 30 हजार रूपए, छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल के लिए 63 करोड़ 50 लाख रूपए, छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल के लिए 5 करोड़ रूपए, औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए 6 करोड़ 37 लाख रूपए, कर्मचारी राज्य बीमा सेवाओं के लिए 98 करोड़ 39 लाख 20 हजार रूपए और औद्योगिक न्यायालयों के लिए 8 करोड़ 84 लाख 20 हजार रूपए के बजट प्रावधान शामिल है।