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तस्करी के अड्डे: परमिट के नाम पर सिस्टम का टोकन, मिलीभगत से जारी होता है कोड

उत्तर प्रदेश में सोना तस्करी सिंडीकेट ने परिवहन विभाग से इतर अपना अलग ही सिस्टम विकसित कर लिया है। तस्करी के रूट में पड़ने वाले जिलों में मिलीभगत से ये अवैध बसों व ट्रैवलर के लिए बकायदा कोड जारी कराते हैं। यह कोड कभी दो दिन तो कभी-कभी सप्ताहभर का होता है। इसी कोड के आधार पर वाहनों को जांच के लिए रोका और आगे बढ़ाया जाता है।

परमिट के नाम पर सिस्टम के इस टोकन को समझने के लिए हमने तस्करी के चर्चित रूट एनएच 730 को चुना। यह इकलौता मार्ग है जो नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश के सात जिलों से होकर गुजरता है। हमने अपनी पड़ताल 27 जून को महराजगंज के सीमावर्ती ठूठीबारी कस्बे से शुरू की।

इन रास्तों पर की गई यात्रा
तस्करी के लिए कुख्यात बरगदवा, नौतनवा और खनुआ तक पहुंचे। इसके बाद फरेंदा होते हुए एनएच 730 से जुड़े। अगला पड़ाव सिद्धार्थनगर रहा। यहां बढ़नी, ककरहवा, सदर, जोगिया, उस्का बाजार, खेसराहा व हरैया होते हुए बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच और फिर पीलीभीत तक गए।

करीब 500 किलोमीटर की दूरी 14 घंटे में पूरी की। रात के अंधेरे में हमें हर नाके पर रोका गया। लेकिन, हमारे आगे चल रहे पंजाब व दिल्ली नंबर के दो ट्रैवलर को किसी ने हाथ तक नहीं दिया। बस टार्च जलाकर ट्रैवलर का नंबर पढ़ा और मोबाइल पर आए मेसेज से मिलान किया। पीलीभीत में दोनों ट्रैवलर रुके। उनमें से नेपाल के युवक और युवतियां नीचे उतरीं।

तो निकासी की चल रही व्यवस्था
नेपाल बॉर्डर पर काम कर चुके पूर्व आईबी अधिकारी संतोष सिंह बताते हैं कि तस्करों की सिस्टम से मिलीभगत होती है । इसी कारण कार्रवाई के नाम पर बस कोरमपूर्ति होती है। कुछ बसों व ट्रैवलर के टूरिस्ट परमिट होते हैं। कुछ का यात्री सेवा के नाम पर कंपनी बनाकर संचालन किया जाता है। इसमें निकासी व्यवस्था काम करती है। एक ही व्यक्ति रूट में पड़ने वाले जिलों में इन वाहनों की निकासी का प्रबंधन करता है।

इसे कहीं निकासी तो कहीं एंट्री कहते हैं। इसके लिए मोटी रकम ली जाती है जिसमें टीआई, आरटीओ, पुलिस का अलग-अलग हिस्सा शामिल होता है। एंट्री फीस जमा होने पर एक चिह्न या फिर कोड दिया जाता है। जांच के दौरान उसी कोड को दिखाकर चालक आगे बढ़ जाते हैं। यह एंट्री कभी ट्रांसपोर्टर करते हैं तो कभी ढाबा भी तय होता है। आपात स्थिति या फिर बड़े अधिकारी की जांच होने पर संदेश पहले ही प्रसारित कर दिया जाता है। इससे ये वाहन ढाबों, पेट्रोल पंपों या फिर हाईवे के किनारे ही रोक दिए जाते हैं।

आंकड़ों का हाल
राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024 में 4,869.6 किलोग्राम सोना जब्त किया गया।
ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के अनुसार नेपाल से हर साल करीब 10 टन सोने की तस्करी भारत में की जाती है।
चीन के सोने की शुद्धता 99.9 फीसदी है। इसकी बाजार में शुद्धता उच्चतम स्तर की मानी जाती है।

…और बहराइच में दो महीने भी नहीं टिक सका आदेश
बहराइच जिले में नेपाल से सटे रुपईडीहा से चल रहे अवैध वाहनों के खिलाफ सात अप्रैल को रोडवेज चालकों व परिचालकों ने प्रदर्शन किया। मामला बढ़ा तो एआरटीओ प्रवर्तन ने भरोसा दिया कि रोडवेज बस अड्डे के एक किमी की परिधि में किसी भी डग्गामार या फिर अवैध वाहन का संचालन नहीं होने दिया जाएगा, लेकिन 27 जून को जब हम इस संवेदनशील कस्बे में पहुंचे तो एक किलोमीटर की परिधि में ही सात अवैध स्टैंड संचालित मिले, जहां से गोवा तक के ट्रैवलर रवाना हो रहे थे।

बीते दो दिनों में चार बसों को सीज कर 2.77 लाख जुर्माना लगाया है। अवैध स्टैंड व डग्गामार बसों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। बॉर्डर पर जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा। फिलहाल रुपईडीहा में दो रजिस्टर्ड स्टैंड संचालित हो रहे हैं। एक ऑल स्टेट वाहन संचालन के लिए स्टैंड का आवेदन आया है, जो डीएम के यहां लंबित है। -ओपी सिंह, एआरटीओ प्रवर्तन-बहराइच