
रायपुर 18 जुलाई।छत्तीसगढ़ में चिकित्सा शिक्षा को प्रोत्साहित करने और योग्य चिकित्सकों की नई पीढ़ी के लिए सरल, पारदर्शी एवं सुगम मार्ग सुनिश्चित करने की दिशा में चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए छात्रहित में महत्वपूर्ण नए नियम बनाए गए हैं।
चिकित्सा स्नातक (एम.बी.बी.एस., बी.डी.एस. एवं बी.पी.टी.) पाठ्यक्रमों में काउंसलिंग के लिए शासन द्वारा नवीन नियम संशोधन किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार इस वर्ष से काउंसलिंग प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिससे विद्यार्थियों को अधिक सुविधा एवं पारदर्शिता मिलेगी।
प्राथमिकता में संशोधन
निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रबंधन कोटा एवं एनआरआई कोटा में आरक्षित वर्गों (SC, ST, OBC) की रिक्त सीटों के आवंटन में छत्तीसगढ़ मूल निवासी अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
बॉन्ड सेवा अवधि में छूट
पूर्व निर्धारित 2 वर्षों के स्थान पर अब न्यूनतम 1 वर्ष की बॉन्ड सेवा अवधि अनिवार्य की गई है।
काउंसलिंग प्रक्रिया पूर्णतः ऑनलाइन
समस्त काउंसलिंग प्रक्रिया अब पूर्ण रूप से ऑनलाइन होगी। सीट आबंटन एवं प्रवेश की सम्पूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से संपन्न की जाएगी।
ओबीसी श्रेणी हेतु आय प्रमाण पत्र में सरलता
ओबीसी वर्ग के लिए आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए प्रमाण-पत्र संबंधित मापदंडों को सरल किया गया है।
ईडब्ल्यूएस श्रेणी की रिक्त सीटें अब सामान्य वर्ग को
यदि ईडब्ल्यूएस श्रेणी की सीटें रिक्त रहती हैं तो उन्हें अब अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को आवंटित किया जाएगा।
प्रत्येक चरण में पंजीयन की सुविधा
काउंसलिंग के प्रत्येक राउंड में पंजीयन की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इन नए नियमों के अनुसार काउंसलिंग की प्रक्रिया आगामी 30 जुलाई से प्रारंभ होगी।
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