छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण और कुपोषण मुक्ति की दिशा में एक नई पहल की शुरुआत हुई है। रायगढ़ जिले के ग्राम पंचायत कोतरलिया में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा ‘रेडी-टू-ईट’ उत्पादन इकाई का शुभारंभ किया गया। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यूनिट का उद्घाटन किया और स्वयं मशीन चलाकर उत्पादन प्रक्रिया का निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि ‘रेडी-टू-ईट’ उत्पादन महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही आंगनबाड़ी के बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने का माध्यम बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की गारंटी को पूरा करते हुए महिला समूहों को यह जिम्मेदारी पुनः सौंपी गई है। प्रदेश में लाखों महिलाएं “लखपति दीदी” बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं और रायगढ़ इस अभियान में अग्रणी जिला बन गया है।
कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री ने रायगढ़ की 10 महिला स्व-सहायता समूहों को अनुबंध पत्र सौंपे थे। इसके बाद मशीनों की इंस्टॉलेशन प्रक्रिया तेजी से पूरी की गई और अब उत्पादन का कार्य शुरू हो गया है। उल्लेखनीय है कि रायगढ़ जिले में कुल 2709 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं, जिनके लिए इन समूहों को जिम्मेदारी दी गई है।
छह जिलों में पायलट प्रोजेक्ट
महिला सशक्तिकरण और कुपोषण मुक्ति के इस मिशन को प्रथम चरण में 6 जिलों—बस्तर, दंतेवाड़ा, बलौदाबाजार, कोरबा, रायगढ़ और सूरजपुर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जा रहा है। रायगढ़ इस योजना को लागू करने वाला प्रदेश का पहला जिला बन गया है। महिला स्व-सहायता समूहों को पूंजीगत सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने का दोहरा लाभ देगी। रायगढ़ जिले की ग्रामीण और शहरी परियोजनाओं के अंतर्गत चयनित अन्य समूह भी जल्द उत्पादन शुरू करेंगे।
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