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कानफोड़ू डी.जे.पर नहीं हो रही सख्त कार्रवाई: संजय ठाकुर

रायपुर, 21 अगस्त। छत्तीसगढ़ आरटीआई एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय ठाकुर ने अधिकारियों पर कानफोड़ू डी.जे. पर सख्त कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि त्योहारों का मौसम करीब है, लेकिन एक बार फिर राजधानी सहित पूरे राज्य में तेज आवाज वाले डी.जे. लोगों की नींद, शांति और स्वास्थ्य को छीनने को तैयार हैं।

      श्री ठाकुर ने आज यहां जारी प्रेस बयान में कहा कि डी.जे. की तेज आवाज से बच्चे बहरे हो रहे हैं, गर्भवती महिलाएं घर छोड़ने को मजबूर हैं, लेज़र लाइट्स से आंखों की रोशनी पर असर पड़ रहा है और यहां तक कि लोग आत्महत्या तक कर रहे हैं। इसके बावजूद, अधिकारी केंद्र के Noise Pollution (Regulation and Control) Rules के बजाय सिर्फ राज्य के कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत मामूली कार्यवाही कर रहे हैं, जिससे डी.जे. ऑपरेटर सिर्फ ₹1000 का जुर्माना भरकर फिर से वही उत्पात मचाने लगते हैं।

हाई कोर्ट को दिया गया वादा भी अधूरा

     उन्होने बताया कि इस मुद्दे पर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसके जवाब में राज्य सरकार ने 29 जनवरी 25 को अदालत को बताया था कि एक समिति गठित की गई है जो केंद्र और राज्य के नियमों का अध्ययन कर आवश्यक संशोधन सुझाएगी। समिति ने मई 25 में ही अपनी रिपोर्ट दे दी, लेकिन उसके बाद न तो कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी, न ही विधानसभा में संशोधन पेश किया गया। इस बीच जुलाई में विधानसभा सत्र भी हो चुका है।

त्योहारी सीजन के बावजूद नहीं दिख रही गंभीरता

    श्री ठाकुर ने कहा कि अब जब गणेश उत्सव जैसे बड़े पर्व आने वाले हैं, तब प्रशासन ने 18 अगस्त की सुनवाई में कोर्ट से तीन हफ्तों का और समय मांग लिया है। ठाकुर ने कहा, “यह स्पष्ट संकेत है कि अधिकारी आमजन की समस्याओं को लेकर बिल्कुल गंभीर नहीं हैं।”

रोजी-रोटी का बहाना नहीं चलेगा: ठाकुर

    प्रशासन का यह तर्क कि डी.जे. ऑपरेटरों की रोजी-रोटी चली जाएगी, पर ठाकुर ने सवाल उठाया, “क्या यह साल भर का रोजगार है? या कुछ दिनों की कमाई?” उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि राजधानी में दूसरे जिलों से आने वाले डी.जे. किसके संरक्षण में बजते हैं? और शादी-त्योहारों के मौसम में हर थाने के सामने से बिना रोकटोक कैसे निकल जाते हैं?

जानलेवा बन सकता है यह शोर

ठाकुर ने चेतावनी दी कि तेज आवाज से पूर्व में रायपुर में विसर्जन के दौरान हार्ट अटैक से मौतें हुई थीं। अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में यह किसी के साथ भी हो सकता है।