छत्तीसगढ़ में इन दिनों झमाझम बारिश हो रही है। मंगलवार की शाम राजधानी में अचानक मौसम ने करवट बदली। करीब आधे घंटे तक हुई तेज बारिश ने लोगों को उमस से राहत दिलाई और वातावरण खुशनुमा बना दिया। मौसम विभाग के अनुसार, ओडिशा तट के पास बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दाब का असर अब पूरे छत्तीसगढ़ में दिखाई देगा। इसका प्रभाव अगले तीन दिनों तक बने रहने की संभावना है।
शाम ढलते ही साढ़े छह बजे के आसपास शहर में जब गणेश प्रतिमा विसर्जन की तैयारी में ढोल-नगाड़ों की गूंज रही थी, तभी काले बादल घिर आए और जमकर बरसे। लालपुर मौसम विज्ञान केंद्र में इस दौरान 24.6 मिमी. बारिश दर्ज की गई, हालांकि शहर के कई हिस्सों में इसका असर इससे कहीं अधिक रहा।
कहाँ-कहाँ रहेगा असर
मौसम विभाग ने बताया कि बुधवार को दक्षिण छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी है। गुरुवार को इसका असर मध्य क्षेत्रों में और शुक्रवार को उत्तर छत्तीसगढ़ तक पहुंचने की संभावना है। बीते 24 घंटों में बस्तर संभाग के कई इलाकों में भारी से अति भारी बारिश रिकॉर्ड की गई है।
जारी हुआ अलर्ट
मौसम विभाग ने सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, नारायणपुर और कोंडागांव जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में आंधी, गरज-चमक और बिजली गिरने के साथ मध्यम से भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। वहीं उत्तर बस्तर कांकेर समेत अन्य क्षेत्रों में हल्की बारिश और तेज हवाओं के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
बारिश का आंकड़ा
इस मॉनसून सीजन में अब तक प्रदेश में 852 मिमी. बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से करीब 3% कम है। सरगुजा 675 मिमी. (25% कम), महासमुंद 629 मिमी. (21% कम), बेमेतरा: 408 मिमी. (49% कम) औसत से कम बारिश दर्ज की गई है। वहीं, बलरामपुर सबसे ज्यादा प्रभावित है जहां औसत से 71% कम बारिश हुई है। इसके विपरीत, बस्तर, मोहला-मानपुर और जांजगीर में सामान्य से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है।