श्यामेन (चीन) 04 सितम्बर।ब्रिक्स सम्मेलन ने ब्रिक्स देशों सहित दुनिया भर में आतंकी हमलों की कड़ी निंदा की गई है।
सम्मेलन में जारी घोषणा में ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद के सभी रूपों और प्रकारों की निंदा की और कहा कि दुनिया भर में किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों को उचित नहीं ठहराया जा सकता। ब्रिक्स ने घोषणा में तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान, हिज्बुत तहरीर, इस्लामिक स्टेट और अलकायदा जैसे तमाम आतंकी गुटों की हिंसा से उत्पन्न सुरक्षा की स्थिति पर चिंता प्रकट की है।
घोषणा में ब्रिक्स ने अफगानिस्तान के लोगों द्वारा देश में शांति और सुलह के प्रयासों और इस दिशा में जारी अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के प्रति एक बार फिर अपना समर्थन व्यक्त किया गया है। ब्रिक्स ने आतंकी गुटों के खिलाफ संघर्ष में अफगानिस्तान की सेना और सुरक्षा बलों की कोशिशों के प्रति भी समर्थन व्यक्त किया है।
शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद, विश्व के विभिन्न भागों में सक्रिय आतंकी गुटों पर प्रतिबंध और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के पुनर्गठन जैसे कई मुद्दे उठाये।विदेश मंत्रालय में पूर्वी देशों के मामलों की सचिव प्रीति सरन ने बताया कि श्री मोदी ने आपदाओं से बचाव की ढांचागत व्यवस्था पर ध्यान देने का भी सुझाव दिया। शिखर बैठक से अलग प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और ब्राजील के राष्ट्रपति तेमेर के साथ द्विपक्षीय बातचीत की।
सीमित सत्र के दौरान ब्रिक्स देशों के सभी पांच सदस्यों ने वैश्विक आर्थिक स्थिति और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सुशासन पर ध्यान केन्द्रित किया।ब्रिक्स के पूर्ण सत्र में नेताओं ने साझा विकास और संस्थाओं के निर्माण के लिए व्यवहारिक सहयोग पर विचार-विमर्श किया।
श्यामेन ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के घोषणा पत्र में आतंकवाद को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे को सीमित और विस्तृत सत्रों में प्रभावी ढ़ंग से उठाया। आतंकवाद की निंदा करने में वह अकेले नहीं थे, वरन सभी सदस्य देशों ने आतंकवाद और इसके प्रकटीकरण के सभी स्वरूपों की एक घोर निंदा की है।
सदस्य देशों ने न्यायपूर्ण और सभी के लिए समान अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के निर्माण और विकास को गति देने के लिए सहयोग के अस्त्रों को बढ़ाने पर बल दिया है। घोषणा पत्र में संयुक्त राष्ट्र संघ और सुरक्षा परिषद् में सुधार का बार-बार उल्लेख किया गया है। ब्रिक्स सम्मेलन में राजनीतिक सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और नागरिकों के स्तर पर आदान-प्रदान संबंधित दस्तावेजों को भी स्वीकार किया है।