केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले सीआरपीएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस, डीआरजी और कोबरा के जवानों से नई दिल्ली में मुलाकात की और उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद थे।
अमित शाह ने इस नक्सल विरोधी अभियान को अब तक का सबसे बड़ा अभियान बताते हुए जवानों के शौर्य और पराक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन नक्सलियों के खिलाफ अभियान के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगा। शाह ने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी, जब तक नक्सली या तो आत्मसमर्पण न करें, पकड़े न जाएं या समाप्त न हो जाएं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को नक्सल मुक्त बनाने का संकल्प दोहराया।
गृह मंत्री ने बताया कि गर्मी, ऊंचाई और आईईडी के खतरों के बावजूद सुरक्षाबलों ने बुलंद हौसले के साथ नक्सलियों के बेस कैंप, मैटीरियल डंप और सप्लाई चेन को नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि नक्सलियों ने देश के सबसे कम विकसित क्षेत्रों में स्कूल-अस्पताल बंद करवाए और सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचने से रोका, जिससे स्थानीय लोगों को भारी नुकसान हुआ। नक्सल विरोधी अभियानों के परिणामस्वरूप पशुपतिनाथ से तिरुपति तक के क्षेत्र में साढ़े छह करोड़ लोगों के जीवन में नई उम्मीद जगी है।
शाह ने यह भी आश्वासन दिया कि नक्सल विरोधी अभियानों में घायल हुए जवानों के जीवन को सुचारू बनाने के लिए मोदी सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने 31 मार्च, 2026 तक भारत को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त करने का दृढ़ संकल्प जताया।
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