छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामनुजगंज जिला के रामचंद्रपुर विकासखंड के प्राथमिक से माध्यमिक शालाओं में पदोन्नत शिक्षकों और प्रधानपाठकों के वेतन एरियर्स भुगतान में भारी अनियमितता और धांधली की आशंका गहराती जा रही है। शिक्षकों का आरोप है कि पदोन्नति के बाद निर्धारित वेतन का अंतर राशि (एरियर्स ) पिछले तीन वर्षों से विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में लंबित है, जबकि कुछ शिक्षकों को हाल ही में आंशिक भुगतान कर दिया गया है। शिक्षक संघ के द्वारा किसके लिए दो बार विकासखंड शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा गया था।
बात दें कि बड़ी संख्या में शिक्षकों की पदोन्नति अक्टूबर 2022 और अप्रैल 2023 में हुई थी। लेकिन अधिकांश शिक्षकों को आज तक पदोन्नत पद का वेतन नहीं मिला है, और जहां मिला भी है, वहां एरियर्स की राशि में भारी अंतर पाया गया है। शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि एक ही तिथि को कार्यभार ग्रहण करने के बावजूद कुछ शिक्षकों को दोगुना एरियर्स भुगतान किया गया है, जबकि कई शिक्षक अब तक भुगतान की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इससे वेतन निर्धारण की प्रक्रिया में भारी अनियमितता और पारदर्शिता की कमी उजागर हो रही है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एरियर्स बिल एक साथ न बनाकर अलग-अलग समूहों में और किस्तों में तैयार किए जा रहे हैं। इससे भ्रष्टाचार की आशंका गहराती जा रही है। शिक्षकों का कहना है कि यदि प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी होती, तो सभी को वरिष्ठता और नियमानुसार एक समान भुगतान मिलता। कुछ शिक्षकों ने यह भी आरोप लगाया है कि कार्यालय से जिन शिक्षकों को फोन कर बुलाया गया, उन्हीं का भुगतान किया गया है। जो शिक्षक उपस्थित नहीं हो सके, उनकी फाइलें अब तक लंबित हैं। यह व्यवहार पक्षपातपूर्ण होने के साथ-साथ अधिकारियों की मिलीभगत की ओर भी इशारा करता है।
शिक्षक संघ ने पूर्व में दो-तीन बार विकासखंड शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर शीघ्र भुगतान की मांग की थी, लेकिन अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। अब संघ ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द सभी पात्र शिक्षकों को एरियर्स का भुगतान नहीं किया गया, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
शिक्षकों की मांगें
सभी लंबित एरियर्स का तत्काल भुगतान हो।
वेतन निर्धारण में पारदर्शिता लाई जाए।
प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।
शिक्षकों ने उच्च अधिकारियों से भी अपील की है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संपूर्ण प्रक्रिया की जांच कराई जाए, ताकि भविष्य में ऐसी अनियमितताओं की पुनरावृत्ति न हो।