
नई दिल्ली, 25 सितम्बर। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक द्वारा स्थापित स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का एफसीआरए लाइसेंस तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया है।
मंत्रालय ने यह कार्रवाई संगठन के खातों में पाई गई कथित वित्तीय अनियमितताओं के आधार पर की है।आदेश के मुताबिक, संगठन को स्वीडन से प्राप्त धन हस्तांतरण को “राष्ट्रीय हित के खिलाफ” माना गया। यह कदम उस समय उठाया गया है जब लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शनों के दौरान लेह में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में चार लोगों की मौत हुई थी। सरकार ने इस हिंसा के लिए वांगचुक को जिम्मेदार बताया है।
आरोप और जांच
- गृह मंत्रालय ने कहा कि एसईसीएमओएल को शैक्षणिक व सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए विदेशी योगदान स्वीकारने का लाइसेंस दिया गया था।
- संगठन पर आरोप है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में एफसीआरए खाते में 3.5 लाख रुपये नकद जमा किए गए, जो अधिनियम की धारा 17 का उल्लंघन है।
- मंत्रालय का दावा है कि यह राशि ठीक से खुलासा नहीं की गई थी।
- वांगचुक ने अपने जवाब में कहा कि यह रकम वर्ष 2015 में एफसीआरए निधि से खरीदी गई एक पुरानी बस की बिक्री से प्राप्त हुई थी।
इसके अलावा, मंत्रालय ने संगठन द्वारा वांगचुक से 3.35 लाख रुपये एफसी दान के रूप में प्राप्त करने पर भी सवाल उठाए हैं।
अन्य संस्थान पर भी जांच
वांगचुक का एक और संस्थान, हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL), फिलहाल सीबीआई जांच का सामना कर रहा है। जांच एफसीआरए नियमों के उल्लंघन से संबंधित है।
सरकारी कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए सोनम वांगचुक ने कहा कि “यह निर्णय सिर्फ कागज़ी अनियमितताओं का मुद्दा नहीं है, बल्कि लद्दाख की जनता की आवाज़ दबाने की साज़िश है। एफसीआरए खाते में जमा की गई राशि पूरी तरह नियमों के अनुरूप थी और हमने पहले भी मंत्रालय को इसका विस्तृत स्पष्टीकरण दिया है। इस तरह की कार्रवाई से आंदोलन की सच्चाई नहीं दबाई जा सकती।”
वांगचुक ने आरोप लगाया कि सरकार उन्हें जेल में डालने के लिए उनके खिलाफ मामला बना रही है।उन्होंने कहा, “मैं देख रहा हूं कि वे मुझ पर जन सुरक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने और मुझे दो साल के लिए जेल में डालने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “मैं इसके लिए तैयार हूं, लेकिन सोनम वांगचुक को आजाद छोड़ने से कहीं ज्यादा समस्याएं उन्हें सोनम वांगचुक को जेल में रखने से हो सकती हैं।”