युवाओं की भागीदारी और नवाचार से उत्तर प्रदेश विकसित भारत में विकास का इंजन बनेगा। यह बात मुख्य अतिथि और मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार प्रो. डीपी सिंह ने कही। वह राजा बलवंत सिंह मैनेजमेंट टेक्निकल कैंपस खंदारी में शनिवार को विकसित उत्तर प्रदेश 2047 विषय पर व्याख्यान दे रहे थे।
मुख्य अतिथि ने कहा कि शिक्षा प्रणाली में सुधार कर भारत को कौशल (स्किल) का केंद्र बनाया जा सकता है। उन्होंने आगरा में एजुकेशन कंसोर्टियम बनाने का सुझाव दिया, जिससे विभिन्न संस्थान मिलकर प्रदेश को विकसित उत्तर प्रदेश बनाने में योगदान दें।
विशिष्ट अतिथि महाराजा सूरजमल ब्रज विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. राजेश धाकरे ने कहा कि तनाव प्रबंधन को शिक्षा का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। तनावमुक्त और संतुलित जीवनशैली से व्यक्तिगत और राष्ट्रीय उत्पादकता दोनों बढ़ेंगी। खेरागढ़ के एसडीएम विनोद चौधरी ने कहा कि सुशासन और नागरिक भागीदारी से ही उत्तर प्रदेश को एक आदर्श राज्य बनाया जा सकता है।
आर्थिक परिवर्तन के प्रेरक बनें शिक्षा संस्थान
संस्थान के निदेशक प्रो. एएन सिंह ने कहा कि शिक्षा संस्थानों को केवल कौशल विकास ही नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन के प्रेरक के रूप में भी कार्य करना होगा। प्रो. पायल गर्ग (प्रशासन एवं वित्त) ने कहा छात्रों में नैतिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना का विकास ही उन्हें भविष्य का जिम्मेदार नागरिक बनाएगा। इस दौरान सुप्रभा शर्मा, डॉ. केके शर्मा, डॉ. गुंजन सिंह, वीके सिंह, डॉ. पंकज सक्सेना, डॉ. डीएस यादव, डॉ. केके गोयल, डॉ. राजीव रतन, अर्चना गंगवार आदि कई प्राध्यापक, शोधार्थी और छात्र मौजूद रहे।
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