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छत्तीसगढ़: प्रदेश के 6.50 लाख दिव्यांगों के लिए सरकार की नई पहल

छत्तीसगढ़ नि:शक्तजन वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष लोकेश कावड़िया के कोरबा प्रवास के दौरान आयोजित नि:शक्तजन सम्मान समारोह में एक गंभीर लापरवाही उजागर हुई। समारोह में आए दो दिव्यांग भाई-बहन सुबह से शाम तक बिना भोजन-पानी के बैठे रहे और अधिकारियों ने उनकी सुध नहीं ली। कार्यक्रम के दौरान समाज कल्याण विभाग के उप संचालक हरिश सक्सेना ने दिव्यांग भाई-बहनों को वहां से हटाने तक का निर्देश दे दिया। हालांकि मौके पर मौजूद कुछ लोगों और पत्रकारों के हस्तक्षेप के बाद दोनों को व्हीलचेयर उपलब्ध कराई गई।

बताया गया कि इन दिव्यांग भाई-बहनों को पेंशन भी नहीं मिल रही है, जिससे वे लगातार परेशान हैं। स्थानीय लोगों की पहल पर जिला पंचायत अध्यक्ष के निजी सचिव संजीव जायसवाल ने उनके लिए नाश्ते की व्यवस्था कराई। इस संवेदनहीनता पर निगम अध्यक्ष लोकेश कावड़िया और भाजपा जिलाध्यक्ष गोपाल मोदी ने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और तत्काल दोनों दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर उपलब्ध करवाई।

बैठक में लोकेश कावड़िया ने बताया कि प्रदेश में 6 लाख 50 हजार से अधिक दिव्यांगजन हैं। सरकार इनके लिए एक नई योजना लागू करने जा रही है। इसके तहत प्रत्येक दिव्यांग को एक विशेष कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें शासन की ओर से मिलने वाली सभी सुविधाओं और योजनाओं का लाभ दर्ज रहेगा। यह कार्ड ब्लॉक, तहसील और शहरी क्षेत्रों में बनेंगे ताकि कोई भी दिव्यांग इससे वंचित न रह सके। इसके लिए घर-घर जाकर सर्वे भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आगामी दो माह में कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

इस घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि जिम्मेदार अधिकारी दिव्यांगजनों की समस्याओं और उनके अधिकारों को लेकर गंभीर नहीं हैं। जरूरतमंदों तक योजनाओं का लाभ पहुँचाना और उनकी देखभाल करना प्रशासन की जिम्मेदारी है, जिसमें अक्सर लापरवाही देखने को मिलती है।