छत्तीसगढ़: पंचायत राज मंत्रालय और पंचायत राज एवं प्रशिक्षण संस्थान ने दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में 12 राज्यों से जनपद पंचायतों के सीईओ, जनपद अध्यक्ष और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए। शुक्रवार को सभी अधिकारी कांकेर जिले के ग्राम खमढोड़गी पहुंचे। यहां उन्होंने पेसा अधिनियम के क्रियान्वयन को नजदीक से समझा।
ग्राम खमढोड़गी के लोगों द्वारा आत्मनिर्भरता की दिशा में किए गए नवाचारों को देखकर अधिकारी प्रभावित हुए। भ्रमण के दौरान अतिथियों ने ग्रामीणों द्वारा निर्मित जलाशय में बांस राफ्टिंग और मोटर वोटिंग का आनंद लिया। साथ ही महिला स्व-सहायता समूह द्वारा सीताफल से बनी आइसक्रीम का स्वाद लेकर महिलाओं की पहल की सराहना की। कार्यक्रम के दौरान ग्राम स्वशासन और सशक्तिकरण को मजबूत बनाने पर विशेष जोर दिया गया।
प्रशिक्षण सत्र में शामिल राज्यवार प्रतिनिधि
छत्तीसगढ़ से अशोक जायसवाल और राज्य गुप्ता शामिल हुए।
झारखंड से संदीप कुमार, नवीन कुमार (डीपीएम), आलोक कुमार, अनील भगत और विश्वजीत कुमार शामिल हुए।
मध्यप्रदेश से नवल मीना, लोचन सिंह मर्सकोले, सुशील भार्गव और संजय लवरेज शामिल हुए।
महाराष्ट्र से संदीप सेवा, मनीष गनतीर, आकाश वैराले और सोमा राहुल ठाकरे शामिल हुए।
राजस्थान से प्रवीन कुमार, श्रीमती ज्योति मेहता, हीरा लाल और धनपत सिंह शामिल हुए।
तेलंगाना से एम.वी. शेलेश, रास के मनावर अहमद और नागेश्वर राव शामिल हुए।
हिमाचल प्रदेश से डॉ. प्रवेश शर्मा और संभव रमाऊल शामिल हुए।
इस मौके पर अधिकारियों ने कहा कि खमढोड़गी गांव ने जिस तरह पेशा अधिनियम की भावना को व्यवहार में उतारा है, वह अन्य राज्यों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण है। ग्राम खमढोड़गी में ग्रामीणों के सामूहिक प्रयास और महिला समूहों की भूमिका ने ग्राम स्वराज की अवधारणा को साकार रूप दिया है।
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