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बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार में नेताओं ने झोंकी ताकत

पटना, 29 अक्टूबर ।बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र प्रचार अभियान तेज हो गया है। मुख्य घटक घरेलू राजनीतिक बदलाव, सामाजिक-आर्थिक मुद्दे और विकास का वादा-विकास के बीच टकराव का स्वर ले रहे हैं।

   गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने दरभंगा के अलीपुर में एक विशाल चुनावी सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उनकी गठबंधन सरकार ने राज्य की सांस्कृतिक धरोहर जैसे मधुबनी पेंटिंग को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई है। उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद के खिलाफ “शून्य-सहनीयता” नीति के चलते देश ने सशक्त कदम उठाए हैं, जो नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संभव हुआ है।

 इसी तरह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दरभंगा के हायाघाट में जनसभा में कहा कि विपक्षी गठबंधन — राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस एवं अन्य — सुशासन का वादा कर रहे हैं, लेकिन जनता उन पर भरोसा नहीं करती। उन्होंने कहा कि राजद कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के कारण बिहार की छवि धूमिल हुई है।

उपरोक्त बयानों से यह स्पष्ट है कि एनडीए की ओर से विकास, सरकार-शासन, सुरक्षा और संस्कृति इन मुद्दों को प्रमुखता से प्रचार का हिस्सा बना रहे हैं।

  ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुसलमिन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने किशनगंज के बहादुरगंज में अपनी पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के पास सीमांचल (Seemanchal) क्षेत्र के विकास का एक स्पष्ट रोडमैप है और यदि उन्हें प्रतिनिधित्व का मौका मिलता है तो बाढ़ एवं अन्य स्थानीय समस्याओं का समाधान करेंगे।

 वहीं, विपक्षी महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने मुजफ्फरपुर के सकरा में अपना प्रचार अभियान शुरू किया। उन्होंने कहा कि भाजपा नीतीश कुमार के चेहरे का इस्तेमाल कर “रिमोट कंट्रोल” से सरकार चला रही है। उन्होंने भाजपा पर सामाजिक न्याय का ध्यान न देने का आरोप लगाते हुए कहा कि यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी जाति-जनगणना का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महागठबंधन का लक्ष्य बिहार में उद्योग स्थापित करना और रोजगार के अवसर पैदा करना है, तथा उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी नीति के जरिए छोटे व्यापारियों को हुए नुकसान का भी उल्लेख किया।

  महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव (राजद नेता) ने कहा कि गठबंधन का घोषणापत्र एक प्रतिज्ञा है जिसे सभी दल मिलकर पूरा करेंगे। कांग्रेस के भूपेश बघेल ने कहा कि घोषणापत्र में किए वादे पूरे किए जाएंगे। दूसरी ओर, राजीव रंजन (जदयू प्रवक्ता) ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार ने पहले भी लोगों के कल्याण के लिए काम किया है और महागठबंधन के वादों में “सच्चालई” नहीं है।

  प्रचार-युद्ध की तीव्रता बढ़ती जा रही है, जहाँ दोनों प्रमुख गठबंधन एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं और मतदाताओं को लुभाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। एनडीए की ओर से केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि बिहार की जनता पहले भी महागठबंधन के काम देख चुकी है और अब गुमराह नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जनता ने आम आदमी के लिए काम करने वाली एनडीए सरकार का समर्थन करने का फैसला किया है और उनका भरोसा प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर है।