भारतीय शेयर बाजार पिछले साल की तुलना में अब बेहतर स्थिति में है। मोतीताल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार आय चक्र निचले स्तर से उभरता नजर आ रहा है। इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही के नतीजे उम्मीदों के अनुरूप रहे हैं और आय में कटौती की तीव्रता में कमी आई है।
आने वाले समय में कमाई चक्र में वृद्धि की संभावना
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, कमाई चक्र अपने निचले स्तर पर पहुंच चुका है और आने वाले समय में इसमें दो अंकों की वृद्धि की संभावना है। साथ ही, वैल्यूएशन भी संतुलित बताया गया है। वर्तमान में निफ्टी 21.4 गुना आय पर कारोबार कर रहा है, जो इसके दीर्घकालिक औसत 20.8 गुना के करीब है।
सरकारी नीतियों से कॉर्पोरेट आय में सुधार की उम्मीद
ब्रोकरेज का मानना है कि सरकार की ओर से उठाए गए कई कदम घरेलू सुधारों के जारी रहने के साथ कॉर्पोरेट आय की दिशा को फिर से पटरी पर लाने में मदद करेंगे। साथ ही मौजूदा टैरिफ गतिरोध का समाधान बाजार के लिए एक अहम बाहरी उत्प्रेरक साबित होगा।
मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में ऊंचे वैल्यूशन
वहीं, मिड और स्मॉल-कैप शेयरों के मोर्चे पर ब्रोकरेज ने माना कि इस सेगमेंट के वैल्यूएशन अभी भी ऊंचे हैं, लेकिन कंपनी अपने पोर्टफोलियो में चुने हुए उच्च विश्वास वाले स्मॉल और मिड-कैप (एसएमआईडी) शेयरों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
कंपनियों की रिपोर्ट उम्मीद से बेहतर रही
वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में निफ्टी की 27 कंपनियों के संयुक्त प्रदर्शन का विश्लेषण करते हुए रिपोर्ट में बताया गया कि इन कंपनियों की बिक्री, ईबीआईटीडीए, पीबीटी और पीएटी में क्रमशः 9%, 8%, 5% और 5% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई, जो अनुमानों से बेहतर रही।
इनमें से पांच कंपनियों ने अपने शुद्ध लाभ (पीएटी) अनुमान को 5% से अधिक बढ़ाकर पार किया, जबकि सात कंपनियां अनुमान से नीचे रहीं। ईबीआईटीडीए के मोर्चे पर छह कंपनियों ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया और तीन कंपनियां पीछे रहीं।
इन कंपनियों ने निफ्टी की कमाई पर दबाव डाला
रिपोर्ट में कहा गया कि कोल इंडिया, एक्सिस बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL), कोटक महिंद्रा बैंक और ईटरनल जैसी कंपनियों ने कुल मिलाकर निफ्टी की कमाई पर दबाव डाला। कुल 27 में से सात कंपनियों के नतीजे उम्मीद से कमजोर, पांच बेहतर और पंद्रह कंपनियों के परिणाम अनुमानों के अनुरूप रहे।
विदेशी निवेशकों ने किन क्षेत्रों में बढ़ाया निवेश
इस बीच एलारा सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है कि विदेशी निवेशकों ने ऊर्जा और उपभोक्ता वस्तुओं जैसे चुनिंदा रक्षात्मक क्षेत्रों में अपनी हिस्सेदारी कम करना जारी रखा है। वहीं परिवहन, दूरसंचार और स्वास्थ्य सेवा जैसे चक्रीय और विकासशील क्षेत्रों में निवेश बढ़ाया है।
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