10 साल से वांछित मिजोरम के कोलासिब निवासी अंतरराष्ट्रीय पेंगोलिन तस्कर लात्लेंन कुंगा को मध्य प्रदेश स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) एवं मिजोरम वन विभाग ने 13 दिसंबर को कोलासिब मिजोरम से गिरफ्तार किया।
आरोपित को गिरफ्तारी उपरांत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी वर्ग-।। कोलासिब, (मिजोरम) के समक्ष प्रस्तुत कर ट्रांजिट रिमांड लेकर मुख्यालय जबलपुर लाया गया। 15 दिसंबर को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जबलपुर के समक्ष पेश कर पुलिस, वन अभिरक्षा में 18 दिसंबर तक रिमांड पर लिया गया है।
कौन है लात्लेंन कुंगा?
आरोपित लात्लेंन कुंगा देश के वन्यजीव तस्करों के गिरोह में एक मुख्य सरगना है। जिसके विरूद्ध देश के कई राज्यों जिसमे मध्य प्रदेश में तीन प्रकरण, ओडिशा में एक एवं मिजोरम में एक प्रकरण दर्ज है।
मध्य प्रदेश में दर्ज प्रकरणों में इन तस्करों द्वारा पेंगोलिन के स्केल्स मुख्यतः ओडिशा, छत्तीसगढ़ आन्ध्रप्रदेश, मध्य प्रदेश से खरीदे जाते और उसे असम, मिजोरम, मणिपुर के व्यापारी को बेचा जाता है जहां व्यापारियों के द्वारा उसे म्यानमार (बर्मा) होते हुए चीन भेजा जाता है।
एसटीएसएफ के द्वारा दुर्लभ प्रजाति वन्यप्राणी पेंगोलिन के अवयवों की तस्करी का अतंरराज्जीय एवं अतराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह संभवतः देश की सबसे बड़ी वन्यप्राणी अपराध संबंधी विवेचना है। जिसमे एसटीएसएफ द्वारा विगत नौ वर्षों में 197 आरोपितों को देश के 15 राज्यों से गिरफ्तार किया जा चुका है।
इन देशों में सबसे ज्यादा मांग
इंटरपोल द्वारा पेगोंलिन को विश्व में सबसे ज्यादा तस्करी किया जाने वाला स्तनपायी कहा है। वन्यजीव पेंगोलिन के अवयवों की तस्करी एशिया व अफ्रीका के कई देश से की जाती हैं। इसकी मांग मुख्यतः चीन, म्यानमार, थाईलैण्ड, मलेशिया, हांगकांग, वियतनाम आदि देशों में है।
आरोपित लात्लेंन कुंगा मूल रूप से बर्मा का निवासी है, लात्लेंन कुंगा को सर्वप्रथम माह अगस्त 2015 में भी गिरफ्तार कर मध्य प्रदेश लाया गया था, जिला न्यायालय बालाघाट से जमानत मिलने के बाद वह फरार हो गया, उसके विरुद्ध तीन अलग-अलग मजिस्ट्रेट न्यायालय से गिरफ्तारी वारंट जारी है।
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