
जगदलपुर, 18 दिसम्बर।अपनी कालजयी रचनाओं के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ और बस्तर अंचल का गौरव बढ़ाने वाले वरिष्ठ साहित्यकार लाला जगदलपुरी को उनकी जयंती पर कल यहां समारोहपूर्वक स्मरण किया गया।
लाला जगदलपुरी के गृह नगर जगदलपुर में आयोजित इस साहित्यिक आयोजन में बड़ी संख्या में साहित्यकारों, प्रबुद्ध नागरिकों और साहित्य प्रेमियों ने सहभागिता की।लाला जगदलपुरी का जन्म 17 दिसम्बर 20 को जगदलपुर में हुआ था तथा उनका निधन 14 अगस्त 2013 को इसी नगर में हुआ। उनकी जयंती के अवसर पर शासकीय जिला ग्रंथालय, जगदलपुर में आयोजित कार्यक्रम में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम में नगर निगम जगदलपुर के सभापति खेमसिंह देवांगन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। बस्तर अंचल के पद्मश्री सम्मानित समाजसेवी धर्मपाल सैनी सहित अनेक विशिष्ट जन भी समारोह में शामिल हुए। अपने संबोधन में श्री देवांगन ने कहा कि लाला जगदलपुरी को स्मरण करना बस्तर की साहित्यिक आत्मा को स्मरण करना है। उन्होंने कहा कि लालाजी का साहित्य एक वैचारिक आंदोलन की तरह रहा, जिसने बस्तर की माटी और जनजीवन को स्वर दिया। उन्होंने युवाओं से लाला जगदलपुरी की रचनाओं को गंभीरता से पढ़ने और आत्मसात करने का आह्वान किया।
वरिष्ठ कवि हिमांशु शेखर झा ने कहा कि लाला जगदलपुरी बस्तर के लोक जीवन और संस्कृति से गहराई से जुड़े रचनाकार थे, जिन्होंने जीवन को जीकर साहित्य सृजन किया। वरिष्ठ कवि एवं साहित्यिक पत्रिका ‘सूत्र’ के संपादक विजय सिंह ने लाला जगदलपुरी की प्रकाशित कृतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे आम जनता के साहित्यकार थे और उनका लेखन बस्तर के जनजीवन से आत्मसात था।
इस अवसर पर लाला जगदलपुरी के भतीजे एवं साहित्यकार विनय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी अप्रकाशित कृतियों के संकलन और प्रकाशन के लिए काफी प्रयास करने पड़े, जिसके बाद यह कार्य संभव हो सका। कार्यक्रम में योगेन्द्र मोतीवाला, गंगाराम कश्यप, सनत जैन और अर्जुन श्रीवास्तव ने भी अपने विचार व्यक्त किए। जिला शिक्षा अधिकारी बलिराम बघेल तथा जिला ग्रंथालय प्रभारी सूरज निर्मलकर ने आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में जगदलपुर के अनेक साहित्यकार एवं रचनाकार—शरद चंद्र गौड़, सरिता सिंह, सुषमा झा, नरेंद्र पाढ़ी, सनत जैन, खुदेजा खान, नवनीत कमल, निशा शुक्ला, सुधा परमार, ऋषि शर्मा सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे। कई स्थानीय कवियों ने काव्य-पाठ कर आयोजन को साहित्यिक गरिमा प्रदान की।
आठ पुस्तकों का हुआ विमोचन
आयोजन के दौरान लाला जगदलपुरी के छोटे भाई स्वर्गीय केशवलाल श्रीवास्तव की कहानियों की सात पुस्तकों कबरी, दरार, सहारा, सफर, दर्पण, चाहत और परिंदे का विमोचन किया गया। इसके साथ ही लाला जगदलपुरी के भतीजे विनय कुमार श्रीवास्तव के कविता संग्रह ‘काव्य-पिटारा’ का भी अतिथियों द्वारा लोकार्पण किया गया।
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