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नगरीय क्षेत्रों में टैंकर से पेयजल आपूर्ति पर भूपेश ने जताई नाराजगी

रायपुर 16 मई।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शहरी क्षेत्रों के अनेक हिस्सों में टैंकरों के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति किए जाने पर अप्रसन्नता जताते हुए आगामी गर्मी के मौसम तक पानी उपलब्ध कराने के लिए टेंकरों की आवश्यकता नहीं होना सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए है।

श्री बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में हुई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिया। उन्होंने इसके लिए सभी नगरीय निकायों विशेषकर रायपुर, भिलाई आदि जहां हर साल गर्मी में पेयजल समस्या आती है उन्हें चिन्हांकित कर स्मार्ट सिटी परियोजना और अमृत योजना आदि के माध्यम से समस्या का समाधान करने को कहा। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्या दूर करने के लिए नगरीय निकायों को 20 करोड़ रूपए की राशि जारी की गई थी। इसके अलावा 25 करोड़ रूपए की और मांग आने पर पेयजल की व्यवस्था के लिए राशि जारी की गई है।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल उपलब्धता के लिए वर्षा के जल संग्रहण करने, तालाबों के माध्यम से पानी को रोकने और सरफेस वाटर का अधिक से अधिक उपयोग करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा भूगर्भ का पानी जहां खारा होता है, वहीं इसमें मिनरल्स भी मिले रहते हैं।मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से बरसात के पूर्व शहरों के नालों और नालियों की ईमानदारीपूर्वक सफाई कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा साफ-सफाई के अभाव में नालियों का गंदा पानी सड़कों तक आ जाता है और चर्म रोगों को फैलाता है।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष भूगर्भ जल स्तर का वॉटर लेवल ठीक है, किन्तु बेमेतरा जिले के 109 गांवों में हैण्डपंप सूख गए हैं। इन गांवों में जल आपूर्ति की जा रही है तथा समूह जल प्रदाय योजना के माध्यम से पानी का प्रदाय किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने गौठानों के माध्यम से पशुओं के लिए पानी और छाया की व्यवस्था करने तथा डे-केयर करने को कहा। उन्होंने इन गौठानों में गोबर गैस संयंत्र और वर्मी खाद तैयार करने को कहा। उन्होंने यहां छायादार और फलदार पौधे भी लगाने को कहा।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव ने नरवा, गरूवा, घुरवा, बारी के प्रयासों तथा इसके माध्यम से विभिन्न जिलों मुंगेली, बिलासपुर और बलरामपुर आदि में हो रहे सकारात्मक एवं उत्कृष्ट कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 1898 गौठान बन रहे हैं। यहां पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है और शीघ्र ही सोलर ऊर्जा के माध्यम से पानी की आपूर्ति भी की जाएगी।