रायपुर 21 जून।छत्तीसगढ़ के आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डा.प्रेमसाय सिंह टेकाम ने छात्रावास एवं आश्रमों में प्रवेश के समय ही बच्चों के स्वास्थ्य की प्रारंभिक जांच करने के निर्देश दिए है।
डा.टेकाम ने मंत्रालय में कल नौ घंटे की मैराथन बैठक में जिलों में पदस्थ परियोजना प्रशासकों और सहायक आयुक्तों की बैठक लेकर करीब डेढ़ दर्जन बिन्दुओं पर विस्तार से विभागीय काम-काज की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिया।उन्होने कहा कि स्वास्थ्य के मामलों में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। ’स्वस्थ्य तन स्वस्थ्य मन’ योजना के अंतर्गत प्रत्येक माह में दो बार बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए।
उन्होने अधिकारियों से कहा कि वे छात्रावासों का निरन्तर भ्रमण करें, छात्रवृत्ति वितरण का भौतिक सत्यापन करें, निजी संस्थाओं का शत-प्रतिशत सत्यापन किया जाए तथा नए शिक्षा सत्र में छात्रावास और आश्रमों की स्थिति का व्यक्तिगत रूप से अवलोकन कर आवश्यक सुधार करें। उन्होंने निरीक्षण रोस्टर का कड़ाई से पालन करने तथा छात्र भोजन सहाय राशि का शत-प्रतिशत वितरण करने को भी कहा।
डा.टेकाम ने छात्रावास और आश्रमों के लिए शैक्षणिक कैलेण्डर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कक्षा नवमीं से बारहवीं तक के बच्चों को विशेष कोचिंग दिया जाए। शैक्षणिक प्रोत्साहन के लिए स्थानीय स्तर पर इंजीनियरिंग, पालिटेक्निक, आईटीआई में शिक्षा प्राप्त किए हुए युवाओं को भी बुलाकर अतिथि शिक्षक के रूप में उनका उपयोग किया जाए। शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए आश्रमों में अध्यनरत बच्चों का प्रत्येक माह टेस्ट लिया जाए। पढ़ाई में कमजोर बच्चों को कोचिंग देने के बाद आकलन करें कि उनके परीक्षा परिणाम का औसत कितना बढ़ा। कोचिंग के साथ कैरियर काउंसिलिंग भी की जाए।
उन्होने कन्या छात्रावासों में सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरा लगाने और जहां बाउंड्रीवाल नहीं है वहां निर्माण कराने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों के आश्रम छात्रावासों में मेडीकेटेड मच्छरदानी और मलेरिया किट की व्यवस्था की जाए।सभी छात्रावासों में अनिवार्य रूप से नास्ता करवाया जाए। सभी छात्रावासों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग, वृक्षारोपण और किचन गार्डन का कार्य करवाया जाए।