नई दिल्ली 25 जुलाई।संसद ने सूचना अधिकार संशोधन विधेयक को पारित कर दिया है।
राज्य सभा ने आज विपक्षी सदस्यों के वॉकआउट के बीच इस विधेयक का अनुमोदन कर दिया।लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।इस विधेयक में केंद्रीय सूचना आयोग के सूचना आयुक्तों और राज्य सूचना आयोग के आयुक्तों के सेवा कार्यकाल, वेतन, भत्तों और अन्य शर्तों के बारे में नियम बनाने के निर्णय का अधिकार केन्द्र सरकार को दिए जाने का प्रावधान है।
विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कार्मिक और लोक शिकायत तथा पेंशन के राज्य मंत्री डॉक्टर जितेन्द्र सिंह ने स्पष्ट किया कि इस विधेयक का उद्देश्य सूचना के अधिकार अधिनियम की स्वयत्ता में कमी करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इसके गठन और राज्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के अधिकार राज्य सरकारों के अधीन होंगे।सदन ने विधेयक को प्रवर समिति को भेजे जाने के बारे में विपक्ष के संशोधन की मांग को भी नामंजूर दिया।
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सत्ताधारी पार्टी पर संसद की गरिमा को गिराने का आरोप लगाया और विधेयक के पक्ष में समर्थन प्राप्त करने के लिए कुछ मंत्रियों और भाजपा सदस्यों द्वारा विभिन्न पार्टी नेताओं की ओर जाने पर आपत्ति व्यक्त की। बाद में अपना विरोध प्रकट करते हुए कांग्रेस, वाम दल, टीएमसी, डीएमके, आरजेडी, आम आदमी पार्टी और अन्य सदस्यों ने सदन से बाहर चले गए।