नई दिल्ली 25 जुलाई।लोकसभा ने मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक यानी तीन तलाक विधेयक आज ध्वनि मत से पारित कर दिया।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि तलाक -ए- बिद्दत पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक लाना महत्वपूर्ण हो गया था क्योंकि 2017 में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बावजूद यह प्रथा देश के विभिन्न भागों में जारी है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कई मामले सामने आये हैं।
कानून मंत्री ने स्पष्ट किया कि विधेयक किसी समुदाय या धर्म के खिलाफ नहीं है। श्री प्रसाद ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं को समानता का अधिकार और गरिमा प्रदान करना है।उन्होने कहा कि कई देशों में इस प्रथा पर प्रतिबंध है और वोट बैंक के लिए यह तरीका सही नहीं है।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने दंडनीय प्रावधानों का विरोध करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने सरकार से कभी भी दंडनीय प्रावधान बनाने को नहीं कहा। उन्होंने कहा कि वर्तमान कानून प्रर्याप्त है।आर एस पी के सदस्य एन के प्रेमचन्द्रन ने विधेयक की मंशा पर सवाल उठाया।
भारतीय जनता पार्टी की मीनाक्षी लेखी ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का संरक्षण करना है। बीजू जनता दल ने विधेयक का समर्थन किया जबकि जनता दल युनाईटेड ने इसका विरोध किया।
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डी एम के, बहुजन समाज पार्टी और जनता दल यूनाईटेड ने विधेयक के विरोध में वाक आऊट किया।