नई दिल्ली 07 अक्टूबर।उच्चतम न्यायालय ने मुंबई की आरे कालोनी में पेड़ों की कटाई के मामले में यथास्थिति बनाये रखने का निर्देश दिया है।
न्यायालय ने आज महाराष्ट्र सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह और पेड़ों को न गिराये। केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय को भी इस मामले में एक पक्षकार बनाने का निर्देश दिया गया है। महाराष्ट्र सरकार के वकील ने न्यायालय को आश्वस्त किया कि अब और पेड़ नहीं काटे जायेंगे। उन्होंने न्यायालय को यह भी बताया कि इस मामले में गिरफ्तार सभी प्रदर्शनकारियों को रिहा कर दिया गया है।
न्यायालय एक छात्र ऋषभ रंजन के प्रधान न्यायाधीश को भेजे गए पत्र को ही जनहित याचिका मानकर मामले की सुनवाई कर रहा है। इसमें मुंबई मेट्रो रेल निगम द्वारा मेट्रो शेड के निर्माण के लिए आरे कालोनी में पेड़ों की कटाई का विरोध किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने आरे स्थित वन भूमि को गैर वर्गीकृत वन माना है जो कि गलत है। याचिकाकर्ता का कहना है कि आरे वन ऐसा इलाका है जिसमें विकास संबंधी गतिविधियां नहीं हो सकतीं और यह परिस्थितिकी की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र नहीं है।