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महिलाओं के हित तथा उत्थान पर सरकार का विशेष ध्यान- भूपेश

रायपुर 13 अक्टूबर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में उनकी सरकार आने के बाद यहां महिलाओं के हित तथा उत्थान पर विशेष ध्यान देते हुए पहली प्राथमिकता मातृशक्ति को दी गयी है।

श्री बघेल ने आज आकाशवाणी से प्रसारित लोकवाणी में महिलाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य में पहली बार तीजा तथा हरेली जैसे त्यौहारों में अवकाश घोषित किए गए। जिससे वे पूरे उत्साह तथा धूमधाम से पूरे परिवार के साथ खुशी-खुशी त्यौहार मनाएं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में त्यौहारों की एक समृद्ध श्रृंखला है।यहां हरेली, तीजा के बाद इसी माह क्वांर में नवरात्र पर्व भी उत्साह के साथ मनाया गया।

उन्होने बताया कि आगामी 27, 28 और 29 दिसंबर को राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसमें विकास खण्ड  स्तर पर प्रतियोगिता होगी। चुने हुए नृत्य दल जिला तथा राज्य स्तर पर प्रदर्शन करेंगे। इससे ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर तक प्रतिभाओं को आगे आने का मौका मिलेगा। महोत्सव में पूरे देश से आए आदिवासी नृत्य दलों का प्रदर्शन भी होगा, जो छत्तीसगढ़ को सांस्कृतिक तौर पर पूरे देश और दुनिया से जोड़ेगा।

श्री बघेल ने बताया कि त्यौहारों की इस श्रृंखला में शरद पूर्णिमा के अवसर पर रात में अमृत बरसेगा और यहां रामधुनी का कार्यक्रम लोगो में उल्लास भरेगा। इसके बाद लक्ष्मी पूजा, गोवर्धन पूजा, मातर, भाई-दूज आदि का पर्व उत्साह के साथ मनाया जाएगा।हमारे यहां गौरा-गौरी, गोवर्धन पूजा और मातर-भाईदूज के साथ पड़की-सुवा और राउत नाचा से दीवाली के रंग चटख होते हैं। इसलिए हमने गौरा-गौरी उत्सव और गोवर्धन पूजा को ’गौठान दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुपोषण अभियान बच्चों में कुपोषण दूर करने सहित गर्भवती माताओं तथा शिशुवती माताओ के लिए बहुत फायदेमंद है। जच्चा और बच्चा का बेहतर स्वास्थ्य हमारी पहली प्राथमिकता में है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में 15 से 49 वर्ष की 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित है। अठारह साल से, कम से कम 35 साल तक की उम्र तक आमतौर पर गर्भवती माताओं के रूप में महिलाओं को बहुत बड़ी जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। यदि 15 से 49 वर्ष तक की महिलाओं में खून की कमी होगी, तो वे अपने परिवार की इस सबसे बड़ी जिम्मेदारी को कैसे निभा पाएंगे।