पणजी 27 नवम्बर।गोवा में चल रहे भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव( इफ्फी) में एक सप्ताह से फिल्मों से जुड़े कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं।
समारोह में उत्कृष्ट फिल्मों के प्रदर्शन के अलावा फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों के बीच सार्थक संवाद भी हुआ। इस दौरान तीस से अधिक सत्रों के माध्यम से सिनेमा के विकास और विषय-वस्तु पर चर्चाएं हुईं।
इफ्फी ने आज कुछ अद्भुत मास्टरक्लास आयोजित किये हैं। ये डेलीगेट्स को फिल्म जगत में काम करने वाले अभिनेताओं, निर्देशकों और अन्य तकनीकी गुरुओं के करीब लाने की कोशिश करते हैं। अभिनय की बारीकियां, बंगाली सुपरस्टार प्रोसेनजीत चटर्जी द्वारा संचालित की गई थीं। प्रोसेनजीत अभिनेता बिस्वजीत चटर्जी के बेटे हैं, उन्होंने हृषिकेश मुखर्जी के चोटो जिग्यासा में एक बाल कलाकार के रूप में शुरुआत की, जिसमें उन्हें पुरुस्कृत भी किया गया। प्रोसेनजीत अमर संघी और चोखेर बाली जैसी फिल्मों के लिए भी जाने जाते हैं। उनकी फिल्म मूनर मानुष को इफ्फी 2019 में आगाज भी किया जा रहा है।
चटर्जी ने अपने पीछे तीन दशक से अधिक के करियर के साथ कहा कि उन्हें खुशी है कि मेनस्ट्रीम और पैरलल सिनेमा के बीच के अंतर अब धुंधले होते जा रहे हैं। उन्होंने फिल्म में तकनीक के महत्व के बारे में भी बताया। इस शाम को कुछ अन्य मास्टरक्लास भी आयोजित होँगे।
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