रायपुर, 30 जुलाई।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा हैं कि उऩकी सरकार की नीतियों से उपभोक्ता वर्ग उत्पादक बनकर उभरा है।महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की कल्पना को हम छत्तीसगढ़ में साकार कर रहे हैं।
श्री बघेल ने आज यहां ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस के दो दिवसीय पांचवें राष्ट्रीय अधिवेशन के द्वितीय सत्र में आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के साथ मंच साझा करते हुए कहा कि राज्य में यहां दो प्रकार की वर्षा होती है।सिंचाई का रकबा दूसरे प्रदेशों की अपेक्षा कम है। ऐसे में यहां के किसान एक फसल पर ही निर्भर हैं।हर तीसरे-चौथे साल अकाल की स्थिति होती है। किसान को संभलने में दो साल का समय लगता है।फिर वो अकाल की चपेट में आ जाता है। यहां 40 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले हैं। 2018 की रिपोर्ट के अनुसार 37 प्रतिशत बच्चे कुपोषित थे। 41 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित रही हैं। वहीं छत्तीसगढ़ नक्सलवाद से भी प्रभावित रहा है।
उन्होने कहा कि, दूसरी ओर सकारात्मक पक्ष को देखें तो हमारे यहां भौगोलिक स्थिति के आधार पर जनसंख्या आदर्श स्थिति में है। अब बात आती है कि हमारे पास ताकत क्या है, तो जमीन, पानी और जंगल हमारे पास हैं।छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों से समृद्ध रहा है। यहां की बिजली दूसरे प्रदेशों को सप्लाई की जाती है।भारत सरकार द्वारा निर्धारित आकांक्षी जिलों में 10 जिले छत्तीसगढ़ से हैं।दंतेवाड़ा और कोरबा जैसे जिलों को भी आकांक्षी जिले में रखा गया है। यहां संपत्ति का असमान वितरण होता रहा है, इसलिए गरीबी है।
श्री बघेल ने कहा कि, 2018 में जब हमारी सरकार आयी तो ऋण माफी की बात की गई और हमने किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य देने के लिए 2500 रुपये देने की घोषणा की। लेकिन भारत सरकार समर्थन मूल्य से अधिक भुगतान पर चावल खरीदने से मना कर दिया।इसमें हमे नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन हमने अपने वादे को निभाया। इसके लिए हम राजीव गांधी किसान न्याय योजना लेकर आए। किसानों की ऋण माफी होने और उपज का सही दाम मिलने पर आर्थिक समृद्धि आयी। इससे यह हुआ कि पलायन रुका।
उन्होने गोधन न्याय योजना के विस्तार पर बात करते हुए कहा कि, गोबर खरीदी करने जैसी अभिनव पहल करने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य रहा है। अब यहां गोमूत्र की खरीदी की शुरुआत बीते 28 जुलाई को हरेली तिहार से हो चुकी है। गोमूत्र का प्रसंस्करण करके जैविक कीटनाशक के रूप में उपयोग किया जाएगा।इस दौरान उन्होने इस बात पर जोर दिया कि कोरोना लॉकडाउन में भी छत्तीसगढ़ मंदी से अछूता रहा है।
श्री बघेल ने अगले पांच साल बाद स्वयं को और छत्तीसगढ़ को लेकर सपने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि, उनका भविष्य पार्टी और जनता तय करेगी लेकिन यह जरूर तय है कि छत्तीसगढ़ समृद्धि की नई इबारत लिखेगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के पुरखों के सपनों पर काम करते हुए आगे बढ़ रही है। पुरखों ने यहां के लोगों की खुशहाली और समृद्धि का सपना देखा था, जिसे पूरा करने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
श्री बघेल के साथ मंच साझा कर रहे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने छत्तीसगढ़ में वर्तमान राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं की तारीफ की। मुख्यमंत्री श्री बघेल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यहां योजनाओं से ग्रामीण आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे हैं। यह बड़ी उपलब्धि है। वहीं राज्य सरकार को सलाह पर उन्होंने कहा कि बाहर से आया कोई व्यक्ति कैसे सलाह दे सकता है।