रायपुर 22 दिसम्बर।छत्तीसगढ़ के पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि राम वन गमन पर्यटन परिपथ के निर्माण और माता कौशल्या मंदिर परिसर के सौन्दर्यीकरण से प्रदेश के पर्यटन को एक नई पहचान मिलेगी।
श्री साहू के मुख्य आतिथ्य में आज आरंग विकासखंड अंतर्गत ग्राम चंदखुरी में राम वन गमन परिपथ एवं माता कौशल्या मंदिर परिसर के जीर्णोंद्धार तथा सौंदर्यीकरण कार्य का शुभारंभ किया गया।इस अवसर पर नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत सिंह भगत, कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे सहित विधायक श्री मोहन मरकाम, पूर्व विधायक एवं न्यासी श्री बालाजी स्वामी ट्रस्ट श्री दूधाधारी मठ राजेश्री महंत रामसुंदर दास जी, रायपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती शारदा देवी वर्मा, जनपद पंचायत आरंग के अध्यक्ष श्री दिनेश ठाकुर, ग्राम पंचायत चंदखुरी की सरपंच श्रीमती इंदु शर्मा और कौशल्या माता समिति के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र वर्मा विशेष रूप से उपस्थित थे ।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में राम वनगमन पर्यटन परिपथ निर्माण की घोषणा की थी। जिसके तहत छत्तीसगढ़ सरकार राम वन गमन पथ पर पड़ने वाले महत्वपूर्ण स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही है। इसमें प्रथम चरण में सीतामढ़ी हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा के सप्तऋषि आश्रम, जगदलपुर और सुकमा जिले के रामाराम को राज्य शासन के पर्यटन विभाग द्वारा इन स्थलों को पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके साथ ही रायपुर जिले के चंदखुरी स्थित माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर परिसर का भी जीर्णोंद्धार एवं सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि शोधकर्ताओं के शोध किताबों से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रभु श्रीराम के द्वारा अपने वनवास काल के 14 वर्षों में से लगभग 10 वर्ष से अधिक समय छत्तीसगढ़ में व्यतीत किया गया था। विभिन्न शोध प्रकाशनों के अनुसार प्रभु श्रीराम ने छत्तीसगढ़ में वनगमन के दौरान लगभग 75 स्थलों का भ्रमण किया। जिसमें से 51 स्थल ऐसे हैं, जहां प्रभु राम ने भ्रमण के दौरान रूककर कुछ समय व्यतीत किया था। राम वनगमन स्थलों में से प्रथम चरण इनमें से 8 स्थलों का पर्यटन की दृष्टि से विकास हेतु चयन किया गया है।