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वेदों में देश के सदियों पुराने ज्ञान का खजाना: सुश्री उइके

रायगढ़ 29 जनवरी।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि वेदों में देश के सदियों पुराने ज्ञान का खजाना है। इस पारंपरिक विरासत ने हमारी कई समस्याओं का समाधान किया है। वेदों में व्यक्ति कल्याण, सार्वभौम कल्याण एवं शांति का परोपकारी संदेश है। यह हमें प्रज्ञा, ज्ञान एवं अंर्तदृष्टि प्रदान करते हैं।

सुश्री उइके ने आज जिले के पुसौर विकासखण्ड के ग्राम-तुरंगा में महर्षि सान्दीपनी राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान एवं आर्ष गुरूकुल आश्रम तुरंगा के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित ‘वेद एवं वैदिक संस्कृति महासम्मेलन’ को सम्बोधित करते हुए कहा कि वही व्यक्ति समाज की सेवा कर सकते हैं जिनमें संवेदना है। उन्होंने कहा कि वेद एवं वैदिक संस्कृति हमारे देश की पुरानी संस्कृति एवं परम्परा का अभिन्न अंग है और इसे हमें जानना चाहिए।

उन्होने कहा कि आध्यात्मिक वैचारिक दृष्टिकोण के कारण ही हमारे देश में भाईचारा एवं शांति व्याप्त है और समाज में सभी एकदूसरे का सम्मान करते है। वेद में भारत की सदियों पुरानी परम्पराओं और संस्कृति की झलक मिलती है। वेद हमारी विरासत, संस्कृति का स्रोत हैं तथा हमारी मूल्य प्रणाली की नींव का निर्माण करते हैं। इस अवसर पर उन्हें छत्र पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर आचार्य वेदप्रकाश श्रोति ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती ने दासतां की बेडियों में जकड़े देश में नवीन प्राण का संचार किया और जनमानस को जगाया। उन्होंने एक राष्ट्र समाज की उद्घोषणा की और शिक्षा की ज्योति जलाई।