रायपुर 04 फरवरी।छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनावों में नगर निगमों एवं नगरपालिकाओं में महापौर एवं अध्यक्ष के चुनाव की प्रत्यक्ष प्रणाली बदल कर सफलता अर्जित कर चुकी कांग्रेस की जिला पंचायत चुनावों में एकतरफा जीत का भाजपा ने सपना तोड़ दिया है।
लगभग 14 महीने पूर्व तीन चौथाई बहुमत से सत्ता में आई कांग्रेस को जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में मिली बढ़त के बावजूद मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी से कई जिलों में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा है।प्रदेश कांग्रेस द्वारा निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों की आज यहां जारी सूची के अनुसार 27 जिलों के जिला पंचायत सदस्यों के कुल 400 सदस्यों में से 218 सदस्य कांग्रेस के 158 भाजपा के 15 अन्य पार्टियों के तथा 10 निर्दलीय सदस्य निर्वाचित हुए है।
पंचायत चुनाव गैर राजनीतिक आधार पर हुए थे लेकिन पार्टियों ने अधिकृत रूप से उम्मीदवार तय कर मैदान में उतारा था,और उनकी सूची भी बकायदा सार्वजनिक की गई थी।भाजपा ने अभी अपने निर्वाचित सदस्यों की कोई सूची जारी नही की है,लेकिन कांग्रेस द्वारा जारी की गई सूची से ही स्पष्ट है कि आठ जिलों राजधानी रायपुर के अलावा बलरामपुर, कोरिया, जशपुर, राजनांदगांव,कवर्धा,बस्तर एवं दंतेवाड़ा में वह भाजपा से चुनाव में पिछड़ गई है।इस सूची के अनुसार पांच जिलों रायपुर,बलरामपुर,जशपुर,कवर्धा एवं बस्तर में भाजपा का जिला पंचायत अध्यक्ष बनना लगभग तय है।
कोरिया,दंतेवाड़ा,राजनांदगाव में भाजपा के 50 प्रतिशत सदस्य निर्वाचित हुए है,और कांग्रेस बहुमत से दूर है.यहां निर्दलीय या अन्य पार्टियों के सदस्यों को अगर कांग्रेस को समर्थन मिलता है तो भी उसके सदस्य बराबर की संख्या पर पहुंचेंगे।लगभग तीन माह पूर्व बस्तर की चित्रकोट एवं दंतेवाड़ा विधानसभा सीटो पर उप चुनाव जीतने वाली कांग्रेस को इन क्षेत्रों में भी कड़ी चुनौती झेलनी पड़ी है,और वह भाजपा से पिछड़ गई।
लोकसभा चुनावों के बाद यह दूसरा मौका है जबकि भाजपा ने कांग्रेस को कड़ी चुनौती दी है। लोकसभा में तो राज्य की 11 में से 09 सीटे भाजपा ने जीत ली थी,तब पार्टी ने इसे राष्ट्रीय चुनाव बताते हुए मोदी लहर बता दिया था,जबकि छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनावों के परिणाम राज्य में चुनाव जीतने वाली पार्टी के पक्ष में रहते थे।जिला पंचायत सदस्यों का दूसरा सीधे जनता से होने वाला बड़ा चुनाव था,जिसमें राज्यस्तर पर पिछड़ने के बावजूद भाजपा ने कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी।
राज्य के पंचायत मंत्री टी.एस.सिंहदेव ने इन परिणामों पर हैरानी जताई है।उन्होने आज यहां पत्रकारों से कहा कि कोरिया,बलरामपुर, बस्तर,जशपुर,कवर्धा एवं रायपुर में पिछड़ना चिन्ताजनक है।प्रदेश कांग्रेस कमेटी को इसकी समीक्षा करनी चाहिए।वह स्वयं भी इसकी समीक्षा करेंगे कि आखिर क्या कारण है कि जो हमारे परम्परागत क्षेत्र थे हम वहां पिछड़ गए।उन्होने कहा कि वैसे ओवरआल राज्य मॆं कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा है।