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देश की प्रतिष्ठा एवं वैभव को पुनः स्थापित करने में स्वामी विवेकानंद की अहम भूमिका- साव

बिलासपुर 12 जनवरी।छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि देश की प्रतिष्ठा और पुराने वैभव को वापस दिलाने में स्वामी विवेकानंद का महत्वपूर्ण योगदान है।स्वामी जी ने जाति, पंथ एवं संकीर्ण विचारों से ऊपर उठकर देशप्रेम एवं राष्ट्रीय एकता पर जोर दिया।

    श्री साव ने आज यहां विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी की बिलासपुर शाखा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में स्वामी जी से प्रभावित होकर लाखों युवाओं ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराया। समारोह की अध्यक्षता अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति अरूण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने की। श्री साव ने विवेकानंद उद्यान में भारत माता की आरती में शामिल होकर राष्ट्र स्वाभिमान यात्रा को रवाना किया। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित उठो, जागो क्विज प्रतियोगिता के पोस्टर का भी विमोचन किया।

       उन्होने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी के विचार आज अधिक प्रासंगिक हैं। उनके विचारों को मूर्त रूप में परिवर्तित कर हम भारत को विश्व में अग्रणी देश बना सकते हैं। उनके विचारों में आत्म-कल्याण के साथ-साथ विश्व कल्याण की भावना निहित है। उनका जन्म 1863 में ऐसे समय पर हुआ जब देश हजारों सालों की गुलामी के कारण आध्यात्मिक रूप से कमजोर हो चुका था। स्वामी जी ने शिकागों की धर्मसभा में अपने अभूतपूर्व भाषण से सनातन धर्म की पताका फहराई। भारतीय मूल्य एवं अध्यात्म की ओर सबका ध्यान आकृष्ट किया।

    अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति अरूण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने समारोह में स्वामी विवेकानंद जी के जीवन के कई पहलुओं को उजागर किया। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में वह ताकत है जो पूरे विश्व को जोड़ सकती है। स्वामी जी को युवाओं पर अपार स्नेह और विश्वास था।