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छत्तीसगढ़ में एक हजार से अधिक जोड़ो का हुआ सामूहिक विवाह

रायपुर 01 मार्च।छत्तीसगढ़ में आज मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत चार जिलों में आयोजित सामूहिक विवाह में कुल एक हजार 040 जोड़े परिणय-सूत्र में बंधे। कांकेर में 350, दंतेवाड़ा में 300, नारायणपुर में 230 और जांजगीर-चांपा में 160 जोड़ों ने सात फेरे लिए।

जांजगीर में आयोजित कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत तथा कांकेर, दंतेवाड़ा एवं नारायणपुर के आयोजन में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया और आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने नव-दंपत्तियों को आशीर्वाद दिया।विवाह के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सभी जोड़ों को घरेलू उपयोग के समान भी दिए गए।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने जांजगीर में सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित करते हुए कहा की छत्तीसगढ़ सरकार ने गरीबों की मदद के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना प्रारंभ की है, ताकि विवाह जैसे महत्वपूर्ण संस्कार में धनाभाव लोगों के आड़े न आए। उन्होंने नव-दम्पत्तियों से आह्वान किया कि वे परिवार में सद्भावना, आपसी प्रेम और शांति से रहते हुए अपना, अपने परिवार और छत्तीसगढ के विकास में योगदान करें। उन्होंने सामूहिक विवाह में शामिल सभी जोड़ों को सुखी गृहस्थ जीवन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।

दंतेवाड़ा, कांकेर और नारायणपुर में सामूहिक विवाह कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया ने कहा कि हर माता-पिता को अपने बच्चों की शादी की चिन्ता होती है। आज के समय में शादी में लाखों रूपये खर्च हो जाते हैं।उन्होने कहा कि राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में शामिल वर-वधू की सहायता राशि 15 हजार रूपये से बढ़ाकर 25 हजार रूपये कर दिया गया है। दिव्यांग दम्पत्तियों को दी जाने वाली सहायता राशि को भी 50 हजार रूपये से बढ़ाकर एक लाख रूपये किया गया है।

उद्योग एवं वाणिज्य तथा आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने नवविवाहित जोड़ों को बधाई देते हुए कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि आदिवासी अंचल में एक साथ इतने जोड़ों का घर बस रहा है। उन्होंने कहा कि बस्तर के विकास के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। यहां के राशन कार्डधारी परिवारों को चावल, चना और दो किलो गुड़ भी दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी के बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने पौष्टिक भोजन के साथ अण्डा भी दिया जा रहा है।