रायपुर 17 जून। छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीकृत वनोपजों को छोड़कर अन्य लघु वनोपजों के लिए परिवहन अनुज्ञा पत्र (टी.पी.पास) लेने की अनिवार्यता खत्म करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित वन विभाग की बैठक में राज्य के ग्रामीण वनवासियों के हित में यह निर्णय लिया गया। इसके साथ ही वन्य प्राणियों के उपचार के लिए दो अत्याधुनिक और सर्व सुविधा युक्त अस्पताल विकसित करने, मैदानी अमलों पर नियंत्रण के लिए वन विभाग के द्वारा मोबाईल एप तैयार करने सहित अनेक मुद्दों पर निर्णय लिया गया।
राज्य में लघु वनोपजों के लिए परिवहन अनुज्ञा पत्र समाप्त होने से इसके परिवहन से जुड़े व्यापारियों को विक्रय हेतु लघु वनोपज एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने में सुविधा होगी। इस अवसर पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
श्री बघेल ने बैठक में राज्य में हाथियों सहित अन्य वन्य प्राणियों के संरक्षण पर भी विभागीय अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया। इस दौरान उन्होंने राज्य में वन्य प्राणियों के संरक्षण के उपायो को बेहतर बनाने सहित इनकी निगरानी के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। राज्य में गत 10 वर्षो के दौरान हाथियों सहित अन्य वन्य प्राणियों की संख्या में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में पिछले 10 वर्षो में हाथियों की संख्या 225 से बढ़कर आज 290 तक हो गई है।
उन्होने बैठक में वन्य प्राणियों के त्वरित उपचार दिलाने के मद्देनजर राजधानी रायपुर के जंगल सफारी स्थित पशु चिकित्सालय और बिलासपुर के कानन पेंडारी स्थित पशु चिकित्सालय को अत्याधुनिक और सर्व सुविधायुक्त अस्पताल के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए।
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