अहमदाबाद 05 अक्टूबर।गुजरात उच्च न्यायालय ने ज़किया जाफरी की उस याचिका को खारिज कर दिया है,जिसमें 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों की साजिश रचने के मामले में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य लोगों को आरोपमुक्त करने के एसआईटी के फैसले को निचली अदालत द्वारा सही ठहराए जाने को चुनौती दी गयी थी। हालांकि न्यायालय ने ज़किया जाफरी को शीर्ष न्यायालय में अपील की मंजूरी दे दी।
पूर्व सांसद अहसान जाफरी की पत्नी ज़किया ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ आपराधिक समीक्षा याचिका दायर की थी और इस मामले में नए सिरे से जांच के लिए उच्च न्यायालय द्वारा निर्देश दिए जाने की मांग की थी। कांग्रेस नेता अहसान जाफरी उन 68 लोगों में थे जो 2002 में अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में हुए हमले में मारे गए थे।
उच्चतम न्यायालय की निगरानी में गठित विशेष जांच दल एसआईटी ने आठ फरवरी 2012 को दाखिल अपनी अंतिम रिपोर्ट में श्री मोदी और अन्य लोगों को आरोपमुक्त कर दिया था। दिसम्बर 2013 में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने इस रिपोर्ट के खिलाफ श्रीमती जाफरी की याचिका को नामंजूर कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने 2014 में उच्च न्यायालय में अपील की थी।