राजिम(गरियाबन्द) 07 जनवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि धर्म-नगरी राजिम केवल एक शहर नहीं है, बल्कि यह पूरे छत्तीसगढ़ की संस्कृति का प्रतीक है।
श्री बघेल ने आज यहां साहू समाज द्वारा आयोजित भक्तिन महतारी राजिम दाई के जयंती महोत्सव में कहा कि राजिम का सैकड़ों साल पुराना इतिहास है। यह हमारी संस्कृति का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि राजिम मेले को व्यवस्थित रूप से आयोजित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा नये मेला-स्थल के लिए 54 एकड़ जमीन का चिन्हांकन कर लिया गया है। इसमें कुछ निजी जमीन भी शामिल है, जिसके बारे में भू-स्वामी किसानों से सहमति ले ली गई है।
उन्होंने कहा कि राजिम मेले के दौरान साधु-संतों, शासकीय कर्मचारियों तथा बाहर से आने वाले अन्य लोगों को होने वाली असुविधा को ध्यान में रखते हुए चिन्हित स्थल पर सभी आवश्यकत इंतजाम तथा निर्माण किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। मड़ई-मेले हमारी पहचान से जुड़े हुए हैं। श्री बघेल ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि महादेव घाट पर आज मेले के लिए जगह नहीं बची, ऐसी हालत राजिम में निर्मित नहीं होने दी जाएगी।
श्री बघेल ने घोषणा किया कि फिंगेश्वर में नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नामकरण भक्तिन महतारी राजिम दाई के नाम पर किया जाएगा। उन्होंने राजिम में निर्माणाधीन धर्मशाला के लिए 50 लाख रुपए की स्वीकृति देने तथा राजिम माता शोध संस्थान के लिए पांच एकड़ जमीन देने की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा अपनी सांस्कृतिक पहचान को कायम रखने के लिए ही छत्तीसगढ़ शासन ने तीजा-पोरा, कर्मा जयंती, हरेली, विश्व आदिवासी दिवस तथा छठ जैसे तीज-त्यौहारों पर सार्वजनिक अवकाशों की घोषणा की है। आज छत्तीसगढ़ का अपना राजगीत है, किसी भी कार्यक्रम की शुरुआत इसी से की जाती है।
श्री बघेल ने राजिम मेला स्थल में प्रदेश साहू संघ के आयोजन स्थल पर पहुंचकर सबसे पहले माता राजिम की पूजा-अर्चना एवं माल्यार्पण कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर संसदीय सचिव सुश्री शकुंतला साहू,महासमुंद सांसद श्री चुन्नी लाल साहू, बिलासपुर सासंद श्री अरुण साव, राज्यसभा सांसद श्री विवेक तन्खा, थानेश्वर साहू, पूर्व सांसद श्री चन्दूलाल साहू, अभनपुर विधयक श्री धनेद्र साहू, विधायक राजिम श्री अमितेश शुक्ल, प्रदेश साहू संघ के अध्यक्ष अर्जुन हिरवानी, संरक्षक श्री विपिन साहू, पूर्व मंत्री श्रीमती रमशीला साहू , साहू समाज के पदाधिकारी डॉ ममता साहू, मोती लाल साहू, अन्य प्रतिनिधि, सदस्य उपस्थित थे