कोण्डागांव 26 जनवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज जिले की नई पहचान के रूप में लगभग 03 करोड़ 14 लाख की लागत से बनाई गई शिल्प नगरी का लोकार्पण किया।
श्री बघेल ने इस अवसर पर गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की समृद्ध कला और संस्कृति हमारी अपनी पहचान है। सभी कलाकार अपनी कलाकृतियों के माध्यम से छिपी हुई अभिव्यक्ति को अपने कला में समाहित करते हैं। हमारी संस्कृति हजारों साल पुरानी है। शिल्पकला के माध्यम से देश-विदेश में हमारी पहचान बनी है।
उन्होने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश रही है, जितने भी सांस्कृतिक धरोहर जो जनजाति जन-जीवन में रचे-बसे हैं उन्हें कैसे क्षेत्र विशेष में पहचान दिलाएं।बस्तर की पहचान दशहरा महोत्सव, दंतेश्वरी माई, बेलमेटल की कलाकृतियां, रोमांचक मुर्गा बाजार और जनजातियों शिक्षा का केन्द्र घोटुल थी। आज बस्तर शिक्षा, खेल, कला और अपने पर्यटन स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशेष पहचान बना चुका है।
कार्यक्रम के दौरान श्री बघेल ने बेलमेटल में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिल्पी श्री सुखचंद पोयाम, श्रीमती लता बघेल और श्रीमती सोनई विश्वकर्मा को साल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया।