कोण्डागांव 27 जनवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बस्तर के विकास के लिए धन की कमी नहीं होगी।
श्री बघेल ने आज कोंगेरा में आयोजित भूमिपूजन तथा लोर्कापण कार्यक्रम में यह उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि बस्तर में वनवासियों सहित आम आदमी के सर्वांगीण विकास के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क व रोजगार और सिंचाई सुविधा पर सरकार विशेष फोकस कर रही है। बस्तर में बंद स्कूलो को प्रारंभ कराने और लोगों के आर्थिक स्तर को निरतंर ऊंचा उठाने के लिए सरकार द्वारा हर संभव पहल की जा रही है। लॉकडाउन के दौरान लघुवनोपजों की खरीदी की समुचित व्यवस्था की गई और इसे निरंतर बढ़ाते हुए वर्तमान में वनवासियों के हित में 52 लघु वनोपजों की खरीदी की व्यवस्था की गई है।
उन्होने कहा कि प्रदेश में सामुदायिक एवं व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टा के वितरण की शुरूआत बस्तर के कोण्डागांव जिले से हई है। सामुदायिक वन अधिकार क्षेत्रो में फलदार एवं औषधीय पौधे लगाये जायेंगे। इससे वनवासियों को सभी तरह के वनोपज मिलेगी।श्री बघेल ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रो में कोई भी आदिवासी भूमिहीन नहीं रहेगा।हर व्यक्ति को राजस्व विभाग द्वारा जमीन उपलब्ध कराए जाएंगे।
श्री बघेल ने कहा कि सरकार छत्तीसगढ़ की विलुप्त संस्कृति को पुर्नजीवित कर रही है। बस्तर की पहचान दशहरा महोत्सव, दंतेश्वरी मेटल कार्य, मुर्गा लड़ाई और घोटुल के नाम पर रही है। सरकार यहां की पुरातन संस्कृति को संवारने जन समुदाय के सहयोग से संकल्पित है। उन्होंने कोण्डागांव के प्रत्येक देवगुड़ी के लिए पांच लाख रूपये प्रदान करने की घोषणा करते हुए परम्परागत घोटुल व्यवस्था को विकसित करने का भी वादा किया।