नई दिल्ली 08 फरवरी।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जोर देकर कहा है कि नए कृषि कानूनों से देश के छोटे और बहुत छोटे किसानों का विकास होगा।
श्री मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि नए कृषि कानूनों का उद्देश्यदेश के 12 करोड़ छोटे और बहुत छोटे किसानों की आकांक्षाओं को पूरा करना है। केन्द्र द्वारा शुरू किए गए अनेक सुधारों और योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एन डी ए सरकार अपने वायदों के अनुसार गरीबों और किसानों को अधिकार संपन्न बनाने के लिए वचनबद्ध है।
उन्होंने कहा कि 2014 में फसल बीमा योजना का दायरा बढाया गया और किसानों के 90 हजार करोड़ रुपए के बीमा दावे निपटाए गए जिससे छोटे किसानोंको बहुत फायदा हुआ। श्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान योजना के अंतर्गत करीब एक लाख 15हजार करोड़ रुपए सीधे किसानों के खातों में अंतरित किए गए हैं।
श्री मोदी ने कहा कि बडे़ और अधिक फायदेमंद बाजारों तक किसानों की पहुंच बढ़ाने के लिए सरकार ने किसानरेल और किसान उडान जैसी योजनाएं शुरू की हैं।पहली बार हमने किसान रेल की कल्पना की है। छोटे किसान का माल बिकता नहीं था आज किसान रेल के कारण, गांव का किसान रेलवे के माध्यम से मुम्बई के बाजार तक अपना माल बेचने लगा।फल,सब्ज़ी बेचने लगा है,उसका लाभ ले रहा है छोटे किसानों को लाभ हो रहा है।
नए कृषि कानूनों को वापस लेने की विपक्ष की मांग की आलोचना करते हुए उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस तरह की बाधाओं से विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में कोई मदद नहीं मिलेगी।उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की समूची चर्चा में विपक्ष के एक भी सदस्य ने किसानों के आंदोलन की वजह नहीं बतायी।
श्री मोदी ने कहा किएनडीए सरकार ही नहीं बल्कि पहले की सरकारों ने भी समय-समय पर कृषि क्षेत्र में सुधारों के प्रयास किए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कृषि क्षेत्र में सुधारों की आवश्यकता के बारे में टिप्पणी का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि कृषि सुधारों पर विरोधी दलों का यू-टर्न केवल राजनीतिक लाभ के लिए है। उन्होंने कहा कि कई राज्य सरकारें पहले ही इस तरह के कृषि सुधारों को लागू कर चुकी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी कुछ क्रांतिकारी सुधार किए जाते हैं,तब मतभेद होना स्वाभाविक है।
श्री मोदी ने आश्वासन दिया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रहेगा और नए कृषि कानून किसी भी तरह से कृषि उपज विपणन समितियों को कमजोर नहीं करेंगे।