नई दिल्ली 13 फरवरी।संसद ने अखिल भारतीय सेवाओं के लिए अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम केन्द्र शासित प्रदेश कैडर के साथ जम्मू-कश्मीर संवर्ग का विलय करने के विलय करने के प्रावधान वाले जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक, 2021 आज पारित कर दिया। लोकसभा में यह विधेयक आज पारित हुआ, जबकि राज्यसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।
गृहमंत्री अमित शाह ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि एन डी ए सरकार के सत्ता में आने के बाद जम्मू-कश्मीर में पंचायती राज व्यवस्था शुरू हो गई है।हमारे विरोधी भी आरोप नहीं कर सकते कि चुनावों में घपला हुआ है या चुनाव में अशांति हुई या चुनाव में अवसर का उपयोग किया गया है। सबने भयरहित होकर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान किया है। 51 प्रतिशत मतदान पंचायत के चुनाव में हुआ है और जिन्होंने धारा-370 वापिस लाने के आधार पर चुनाव लड़ा था वो साफ हो गए।
उन्होने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बहुत से नागरिकों को पिछले 70 वर्षों में बिजली का कनेक्शन नहीं मिला था और पिछले सात महीनों के दौरान उन्हें यह सुविधा उपलब्ध करा दी गई। श्री शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शीर्ष प्राथमिकता है और इस केंद्रशासित प्रदेश में अनेक विकास परियोजनाएं शुरू की गई हैं।उन्होंने कहा कि सरकार जम्मू कश्मीर को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है।
श्री शाह ने कहा कि सुदूर इलाकों के विकास कार्य पूरे किए जाएंगे। गृहमंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाया जाना, राष्ट्र के हित में है।गृहमंत्री ने कहा कि विधेयक का जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे का कोई सम्बन्ध नहीं है और यह दावा किया कि राज्य का अधिकार उचित समय पर दिया जाएगा।
गृहमंत्री ने कहा कि जिन तीन परिवारों ने जम्मू-कश्मीर पर 70 वर्षों तक शासन किया, उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र को विकसित करने या रोजगार प्रदान करने के लिए कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा कि 2022 से पहले जम्मू-कश्मीर के युवाओं को 25 हजार सरकारी नौकरियां दी जाएंगी। अमित शाह ने कहा कि कोई भी बड़ा कारोबारी जम्मू-कश्मीर में पहले निवेश नहीं कर रहा था, लेकिन धारा 370 के निष्प्रभावी होने के बाद कई व्यापारी निवेश कर रहे हैं।