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डॉ.खूबचंद बघेल छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान के प्रतीक-भूपेश

रायपुर 22 फरवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि डॉ. खूबचंद बघेल सिर्फ छत्तीसगढ़ के स्वप्न दृष्टा ही नही थे बल्कि छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान के प्रतीक थे।

श्री बघेल ने आज डॉ.खूबचंद बघेल की 52वीं पुण्यतिथि के अवसर पर पथरी (धरसींवा) में पुरखा के सुरता कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि डा.बघेल चाहते थे कि छत्तीसगढिया स्वाभिमान से जीये, स्वावलंबी हो तथा जीवन के सभी क्षेत्रों में भी उनका विकास हो।उन्होने छत्तीसगढ की अस्मिता और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जीवन भर संघर्ष किया। वे छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रबल पक्षधर रहे हैं।

उन्होने कहा कि डॉ.खूबचंद बघेल ने शिक्षा, सहकारिता के क्षेत्र सहित सामाजिक आंदोलनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे छत्तीसगढ़ के स्वपनदृष्टा थे। उन्होंने 1967 में छत्तीसगढ भ्रातृ संघ का गठन किया था। उन्होंने पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बनाने की मांग रखी। उन्होने कहा कि राज्य सरकार डॉ. बघेल के सपनों को पूरा करने का काम कर रही है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। गोधन के सरंक्षण और संवर्धन के लिए गौठान को माध्यम बनाया गया है।

श्री बघेल और कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने इस मौके पर डॉ.बघेल की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।उन्होने इस मौके पर पथरी की सड़कों को टू-लेन बनाने और नवा रायपुर के मुख्य चौक में डॉ. बघेल की आदमकद मूर्ति स्थापित करने की घोषणा की।