रायपुर 26 फरवरी।छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज किसानों की आत्महत्या के मामलो को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा एवं सत्ता पक्ष के सदस्यों में जमकर नोकझोक और तकरार हुई,जिसके बाद भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने प्रश्नोत्तरकाल में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को उनके प्रश्न के उत्तर में अप्रैल 20 से 01 फरवरी 21 तक राज्य में 141 किसानों द्वारा आत्महत्या करने की जानकारी दी और बताया कि कोन्डागांव में एक किसान की मौत के मामले में एक पटवारी को निलम्बित किया गया है। श्री कौशिक ने कहा कि मृत किसानों के लिए सरकार की ओर से कोई सांत्वना तक देने नही जाता,उल्टे आत्महत्या करने वाले पर कोई न कोई आरोप लगा दिया जाता है।सभी मामलो की जांच होनी चाहिए एवं शासन की ओर से मुआवजा भी दिया जाना चाहिए।
मंत्री श्री चौबे ने कहा कि भाजपा किसानों की आत्महत्या को लेकर राजनीति करना चाहती है।पहले भी भाजपा शासनकाल में किसानों ने आत्महत्या की,क्या कभी मुआवजा दिया गया।श्री कौशिक ने कहा कि प्रश्न लगाना राजनीति करना है।किसानों को मुआवजा देने पर सरकार को विचार करना चाहिए।इसी बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा शासनकाल में अभनपुर क्षेत्र में तत्कालीन कृषि मंत्री के गांव में हुई आत्महत्या का उल्लेख करते हुए कहा कि जो सांत्वना देने गए उन पर मुकदमा दर्ज करवा दिया गया था।
श्री कौशिक ने इस बीच आरोप लगाया कि मरे हुए लोगो को अपमानित किया जा रहा है।भाजपा के शिवरतन शर्मा ने पूछा कि कोन्डागांव में पटवारी को केवल निलम्बित किया न तो उस पर और न ही सम्बधित तहसीलदार एवं अन्य जिम्मेदार लोगो पर कोई कार्रवाई नही की गई।उन्होने पूछा कि निलम्बन क्या पर्याप्त कार्रवाई है।इसी बीच दोनो पक्षों से नोकझोक होने लगी।भाजपा सदस्यों ने इसके बाद सदन से बहिर्गमन किया।