नई दिल्ली 27 फरवरी।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय खिलौना निर्माताओं से पर्यावरण और मस्तिष्क के अनुकूल खिलौने बनाने का अनुरोध किया।
श्री मोदी ने आज भारत खिलौना मेले का वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत खिलौना मेला आत्मनिर्भर भारत के निर्माण और देश की सदियों पुरानी परंपराओं को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।उन्होने कहा कि ज्यादातर भारतीय खिलौने प्राकृतिक और ईको-फ्रेंडली चीज़ों से बनाते हैं। उनमें इस्तेमाल होने वाले रंग भी प्राकृतिक और सुरक्षित होते हैं।
श्री मोदी ने कहा कि किसी भी संस्कृति में जब खेल और खिलौने आस्था के केन्द्रों का हिस्सा बन जाए तो इसका अर्थ है कि वो समाज खेलों के विज्ञान को समझता है।हमारे यहां खिलौने ऐसे बनाए जाते थे, जो बच्चों के चहुमुखी विकास में योगदान दें। उनमें एलालिटीकल माइंड विकासित करें। आज भी भारतीय खिलौने आधुनिक फैंसी खिलौनों की तुलना में कही सरल और सस्ते होते हैं। सामाजिक, भौगोलिक परिवेश से जुड़े भी होते हैं।
उन्होने कहा कि पहला खिलौना मेला व्यापारिक या आर्थिक गतिविधि नहीं है बल्कि देश के सदियों पुराने खेलों की संस्कृति को मजबूती प्रदान करने का आयोजन है।उन्होने कहा कि देश के खिलौना उद्योग में बहुत बड़ी ताकत छिपी है और आत्मनिर्भर भारत अभियान से इसमें और वृद्धि हो रही है।
श्री मोदी ने कहा कि अभिलेखों से भगवान राम के विभिन्न खिलौनों के बारे में जानकारी मिलती है।स्थानीय खिलौने बच्चों में एकता की भावना को सुदृढ़ करते हैं।श्री मोदी ने कहा कि खिलौने बच्चों के सीखने की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाते हैं, इसलिए उन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों के साथ खेलने का अनुरोध किया।