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राजधानी और नये जिले के विकास की प्राथमिकताएं एक जैसी – भूपेश

रायपुर, 13 जून।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राजधानी हो या नया जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही दोनों के विकास के लिए राज्य सरकार की प्राथमिकताएं एक जैसी हैं।नये जिले के विकास के लिए संसाधनों की कमी नही होगी।

श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में रायपुर और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में 681 करोड़ रूपए से अधिक लागत के 752 विकास कार्यों के लोकार्पण-भूमिपूजन के वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। रायपुर जिले में 561 करोड़ 32 लाख रूपये के 391 विकास कार्यों में से 100 करोड़ 32 लाख रूपये के 28 कार्यों का लोकार्पण और 461 करोड़ रूपए के 363 कार्यो का भूमिपूजन किया गया। इसी प्रकार गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में 120 करोड़ 8 लाख रूपए की लागत के 361 कार्यों में 67 करोड़ 26 लाख रूपये के लागत से 300 विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं 52 करोड़ 81 लाख रूपये के 61 कार्यों का लोकार्पण शामिल हैं।

श्री बघेल ने रायपुर के बाल आश्रम में समाजसेवी श्रीमाल और पत्रकारिता के पुरोधा गोविंदलाल वोरा की प्रतिमा का भी अनावरण किया। उन्होंने कहा कि समाजसेवी श्री श्रीश्रीमाल और पत्रकारिता के पुरोधा श्री वोरा ने समाज सेवा के क्षेत्र में जो योगदान दिया है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। छत्तीसगढ़ में दाऊ कल्याण सिंह से लेकर नगर माता बिन्नी बाई तक त्याग, दान और परोपकार की परंपरा रही है। श्री नेमीचंद श्रीश्रीमाल जी और गोविंद लाल वोरा जी ने उसी परंपरा को आगे बढ़ाया। उनकी प्रतिमाएं लोगों को हमेशा परोपकार के लिए प्रेरित करती रहेंगी।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों से वंचितों, गरीबों, आदिवासियों, किसानों, महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा किया है। छत्तीसगढ़ के लोगों में जागरूकता आई है। अब वे मुखर होकर बोलने लगे हैं।यहीं छत्तीसगढ़िया की असली पहचान है। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि कोरोनाकाल में दिवंगत शासकीय सेवकों के आश्रितों को एक माह के भीतर अनुकंपा नियुक्ति दिलाना, मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल जैसी योजनाओं से छत्तीसगढ़ में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।